यमराज पसीने से तरबतर हो रहे थे। यद्यपि या उनके रोजमर्रा का काम है। लेकिन इतनी परेशानी का सामना उन्हें कभी नहीं करना पड़ता था। काला, कलूटा और बैगन लूटा नाम के तीन अब यमदूत किसी अपराधी की भांति कतार में खड़े थे, यमराज जान निकालो अस्त्र लिए चहल कदमी कर रहे थे। एक कदम रुक कर गरजे,
कितने यमदूत थे? तीनों घबराते हुए बोले यमराज 3 फिर भी खाली हाथ वापस आ गए इसकी सजा मिलेगी बराबर से थोड़ी ज्यादा मिलेगी यमराज काला को दकियाते हुए बोले। दूसरा यमदूत कलूटी का अपने लगा और बोला, सरकार हमने आपका नामक, आटा, दाल सब खाया है। आपने जो आदेश दिया वही किया क्या खाक किया है! एक भी आम आदमी नहीं ला सके ! , यमराज क्रोध से गरजे। यमराज लेकिन आपने ही कहा था कि हिंद देश में चार संहिता लगी है।
अतः नेताओं को छोड़कर आम आदमी पकड़ कर लाना है। बैगन लूटा की बात को बढ़ाते हुए कलूटा बोला जी यमराज लेकिन वहां कोई आम आदमी मिला ही नहीं। कुछ टिकट कटे नेता थे, जिनका स्टेट अभी क्लियर नहीं था कि वह नेता के तौर पर मरेंगे या आम आदमी की मौत। इसीलिए उन्हें छोड़ना पड़ा। लेकिन आज के टारगेट का क्या? कहां है आम आदमी? यमराज का पारा हाई होते हुए काला गिर गिर आया सरकार हमने बहुत तलाशा, लेकिन आम आदमी मिला ही नहीं! जिसको भी देखा आचार संहिता लगाने के बाद से वह खास हो गया।
नेता उसके सामने लौट लगा रहे हैं। याचिका बनकर वोटों के लिए नोट चला रहे हैं। सोमरस का आचमन करा रहे हैं। सुनहरे सपनों का प्रलोभन दिया जा रहा है... यमराज काला की बात सुन बिफर उठे, अरे मूर्खो! तुम इतनी बड़ी चूक कैसे कर सकते हो? चरणों में मोटे मोटे नेता दंडवत थे, वही तो आम आदमी था ! दावा दावा, अभावग्रस्त, जूझता हुआ... विकास की आस में पगलाया हुआ। इस गलती की सजा अवश्य मिलेगी। यमराज के पैर पकड़ राजदूत बोले, सरकार हमें माफ करें।
जब हमारी बुद्धि तेल में लेने चली गई तब, हमने एक नेता से ही पूछ लिया कि हमें कुछ आम आदमी उपलब्ध करा दें। यमराज ने पूछा फिर? तीनों यमदूत बोले, हुजूर नेता ने बताया कि अभी हिंद देश में कोई आम आदमी नहीं । आचार संहिता लगते ही सभी मतदान के अधिकार बन गए है। हर वॉटर पूजनीय है। इसीलिए नेताओं के द्वारा उनकी भाव भगत की जा रही है हिंदुत्व से मिली खबर के बाद यमराज अभी चुनाव के दिनों में आम आदमी पकड़ने की नई तरकीब सोच रहे हैं ।
Rakesh