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Khud se ruthe hai hum log

खुद से रूठे हैं हम लोग
टूटे-फूटे हैं हम लोग

सत्य चुराता आंखें हमसे
इतने झूठे हैं हम लोग ।

इसे साध ले, उसे बांध ले
सचमुच खूंटे हैं हम लोग

क्या कर लेगी वे तलवारें
जिनकी मूंठे हैं हम लोग।

मय-ख्वारो की महफिल में
खाली घूंटे हैं हम लोग

हमें अजायबघर में रख दो
बहुत अनूठी हैं हम लोग।

हस्ताक्षर तो बन न सकेंगे
सिर्फ अंगूठे हैं हम लोग।

Khud se ruthe Hain hum log
Tute phute Hain hum log

Satyavrata aankhen humse
Itne jhuthe Hain hum log.

Ise Saath le, use baandh le
Sachmuch ghoonte Hain hum log

Kya kar legi wo talwaren
Jinki moothe Hain hum log.

Main khwaroon ki mehfil mein
Khali ghooten Hain hum log

Hamein Ajaaybaghar main Rakh do
Bahut anuthe Hain hum log .

Hastakshar Tu Ban na sakege
Sirf anguthe Hain hum log .

बुझ गई रोशनी

बुझ गई रोशनी रफ्ता-रफ्ता
खो गई हर खुशी रफ्ता-रफ्ता

ढल गई शोख इशतिहारो में
वक्त की  सादगी की रफ्ता-रफ्ता ।

मौत को हर लड़ाई में मारा
पर हुई खुदकुशी रफ्ता-रफ्ता

बेरुखी बेकली के जंगल में
जा फंसा आदमी रफ्ता-रफ्ता ।

दोस्ती की हर तरह तू भी दिल में
दुश्मनों की कमी रस्ता-रस्ता ।


Bujhbe roshni rafta rafta
kho gayi har Khushi rafta rafta
dhal gayi sokh istiharo mein
waqt ki saadgi rafta rafta .

Maut ko har ladai mein mara
Par hui khudKhushi rafta rafta
Berukhi, ki beakli ki jangal mein
Jaa fansa aadmi rafta rafta.

Dosti ki Tarah Jo bhi Dil mein
Dushmano ki Kami rafta rafta.



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