सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

गणतंत्र दिवस - 26 जनवरी - Republic Day of India | Indian republic day


गणतंत्र दिवस - 26 जनवरी - Republic Day of India | Indian republic day


गणतंत्र दिवस - 26 जनवरी - Republic Day of India | Indian republic day
भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ व 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अंतर्गत भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया।


भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ व 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अंतर्गत भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया। 26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ झंडावंदन कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।
हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता है संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।


अपने देश भारत बारे में आप कितना जानते हैं?


भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया और भारत ने अपने 10 हजार वर्षों के इतिहास में, सक्षम होते हुए भी कभी किसी अन्य देश पर आक्रमण नही किया। आइए, भारत के बारे में कुछ जानें:


भारतीय सँस्कृति व सभ्यता विश्व की पुरातन में से एक है।
भारत दुनिया का सबसे पुरातन व सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
भारत ने शून्य की खोज की।
अंकगणित का आविष्कार 100 ईसा पूर्व भारत मे हुआ था।
हमारी संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी मानी जाती है। सभी यूरोपीय भाषाएँ संस्कृत पर आधारित मानी जाती है।
सँसार का प्रथम विश्वविद्यालय 700 ई. पू. तक्षशिला में स्थापित की गई थी। तत्पश्चात चौथी शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।
5000 वर्ष पूर्व जब अन्य संस्कृतियां खानाबदोश व वनवासी जीवन जी रहे थे तब भारतीयों ने सिंधु घाटी की सभ्यता में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।
महर्षि सुश्रुत सर्जरी के आविष्कारक माने जाते हैं। 2600 साल पहले उन्होंने अपने समय के स्वास्थ्य वैज्ञानिकों के साथ प्रसव, मोतियाबिंद, कृत्रिम अंग लगाना, पत्थरी का इलाज और प्लास्टिक सर्जरी जैसी कई तरह की जटिल शल्य चिकित्सा के सिद्धांत प्रतिपादित किए।
ब्रिटिश राज से पहले तक भारत विश्व का सबसे समृद्ध राष्ट्र था व इसे, 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था।
आधुनिक भवन निर्माण पुरातन भारतीय वास्तु शास्त्र से प्रेरित है।
कुंग फू मूलत: एक बोधिधर्म नाम के बोद्ध भिक्षु के द्वारा विकसित किया गया था जो 500 ई के आसपास भारत से चीन गए।
वाराणसी अथवा बनारस दुनिया के सबसे प्राचीन नगरों में से एक है।
महात्मा बुद्ध ने 500 ई. पू. बनारस की यात्रा की थी।
बनारस विश्व का एकमात्र ऐसा प्राचीन नगर है जो आज भी अस्तित्व में है।
सबसे प्राचीन उपचार प्रणाली आयुर्वेद है। आयुर्वेद की खोज 2500 साल पहले की गई थी।
बीजगणित की खोज भारत में हुई।




गणतंत्र दिवस - 26 जनवरी - Republic Day of India | Indian republic day

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...