Hindi Shayari 'khubsurati' shayari collection
बड़ा वसीअ है उस के जमाल का मंज़र
वो आईने में तो बस मुख़्तसर सा रहता है
- फ़रहत एहसास
तिरे जमाल की तस्वीर खींच दूँ लेकिन
ज़बाँ में आँख नहीं आँख में ज़बान नहीं
- जिगर मुरादाबादी
ये देख कर कि तिरे आशिक़ों में मैं भी हूँ
जमाल-ए-यार तिरा मुस्कुराना बनता है
- रहमान फ़ारिस
रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम
दहका हुआ है आतिश-ए-गुल से चमन तमाम
- हसरत मोहानी
इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी
मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया
- अहमद मुश्ताक़
'जमाल' अब तो यही रह गया पता उस का
भली सी शक्ल थी अच्छा सा नाम था उस का
- जमाल एहसानी
गया क़रीब जो परवाना रह गया जल कर
जमाल ख़ास हदों तक जमाल होता है
- उरूज ज़ैदी बदायूनी
इलाही कैसी कैसी सूरतें तू ने बनाई हैं
कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है
- अकबर इलाहाबादी
देखूँ उस की चाँदनी चाँद से भी शफ़्फ़ाफ़
और सुनहरी रौशनी अपना जमाल करे
- नदीम भाभा
चमकी बिजली सी पर न समझे हम
हुस्न था या जमाल था क्या था
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
था जमाल' नाम उस का ऐ जमाल-ज़ादे सो जा
तिरी ज़िद कहीं ऐ ज़ालिम न मुझे रुला दे सो जा
- राजा मेहदी अली ख़ाँ
ये और बात हमें सूरत-ए-गुलाब लगे
'जमील' ज़ख़्म लगे और बे-हिसाब लगे
- जमील मलिक
ख़ुद जिसे मेहनत मशक़्क़त से बनाता हूँ 'जमाल'
छोड़ देता हूँ वो रस्ता आम हो जाने के बा'द
- जमाल एहसानी
जहाँ तू जल्वा-नुमा था लरज़ती थी दुनिया
तिरे जमाल से कैसा जलाल पैदा था
- फ़िराक़ गोरखपुरी
आ और काएनात के फूलों की दाद दे
जिन से तिरा जमाल नुमायाँ किया गया
- यूसुफ़ ज़फ़र
कौन कहे मासूम हमारा बचपन था
खेल में भी तो आधा आधा आंगन था
- शारिक़ कैफ़ी
ज़िंदा रखीं बुज़ुर्गों की हम ने रिवायतें
दुश्मन से भी मिले तो मिले आजिज़ी से हम
- माजिद अली काविश
मुझ से नफ़रत है अगर उस को तो इज़हार करे
कब मैं कहता हूं मुझे प्यार ही करता जाए
- इफ़्तिख़ार नसीम
कोई तुम सा भी काश तुम को मिले
मुद्दआ हम को इंतिक़ाम से है
- मीर तक़ी मीर
HIndi Shayari, 'khubsurati' shayari collection, -'जमाल' यानि 'सौंदर्य' पर कहे गए शेर...