काश कि आपका दर्द बर्थडे केक की तरह होता
तो वो कट भी जाता, बट भी जाता,
मगर आपका दर्द तो, बैंक चैक की तरह है
आपको ही सहन करना है।
काश कि आपका दुख, रेत की तरह होता
फिसल जाता, बिखर जाता
पर आपका दुख तो समंदर की तरह है
निरंतर चलता है।।
काश कि मैं आपका दर्द, अपने सिर ले लेती
मैं अपना सिर कटा लेती, मगर आपको खुश रखती
मगर मुसीबत तो आपके कंधों पर है
आपको ही सहन करनी है।
काश कि मैं आपको खुश कर पाती,
आपका सहारा बन तकलीफों को कम कर पाती,
मगर मेरे पास तो ऐसा कुछ है भी नहीं,
दरना लडने की हिम्मत जरूर दे पाती।।
Unaka Dard Hindi Poem | उनका दर्द
निकिता