Jaggery has many benefits -गुड़ के हैं अनेको लाभ
गुड़ का उपयोग मूलतः दक्षिण एशिया में किया जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों मे गुड़ का उपयोग चीनी के स्थान पर किया जाता है
Gur ke fayde,गुड़ का नाम सुनते ही मुंह में पानी और मन में मिठास आ जाती है, मन-मस्तिष्क को भाने वाला गुड सेहत के लिए फायदेमंद है. आयुर्वेद में गुड़ को अत्यन्त गुणवान, आयु को बढ़ाने वाला और शरीर को निरोग तथा यौवन को स्थिर रखने वाला कहा गया है. आयुर्वेद के अनुसार गुड़ क्षारीय, भारी, सि्ग्ध होता है. ठंड के दिनों में शक्तिवर्ध्दक है, और मूत्र की रुकावटों को दूर करता है. गुड़ जितना पुराना हो उतना अधिक गुणों से युक्त होता है.गुड़ में पाया जाने वाला क्षारीय गुण रक्त की अम्लता को दूर करता है। मेहनतकश एवं खिलाड़ियों के लिये तो यह किसी वरदान से कम नहीं है.
” गुड़ का उपयोग मूलतः दक्षिण एशिया में किया जाता है. भारत के ग्रामीण इलाकों मे गुड़ का उपयोग चीनी के स्थान पर किया जाता है. गुड़ लोहतत्व का एक प्रमुख स्रोत है और रक्ताल्पता (एनीमिया) के शिकार व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है.गुड़ के एक अन्य हिन्दी शब्द जागरी का प्रयोग अंग्रेजी में किया जाता है. ”
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शक्कर के अधिक सेवन करने से कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं, जबकि गुड़ के प्रयोग से कुछ नहीं होता.गुड़ में कई पौष्टिक तत्व विद्यमान रहते हैं.रासायनिक विश्लेषणों से यह बात सामने आयी है कि अनेक खाद्योपयोगी घटक तथा लोहा, कैल्शियम, गंधक, पोटेशियम एवं विटामिन आदि गुड़ में भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. गुड़ में पैनथीनिक एसिड, नायसिन, थियासिन, रीबोप्लेविन, पायरिडोक्सिन, बायोटिन, फालिक एसिड तथा आइनोसिटल इतनी मात्रा में पाए जाते हैं कि यह एक प्रमुख सामग्री के रूप में गिना जाता है.गुड़ के प्रत्येक 100 ग्राम भाग में प्रोटीन 0.4 ग्राम, वसा 0.1 ग्राम, खनिज 0.6 ग्राम, कैल्शियम 80 मि.ग्रा, फास्फोरस 40 मि.ग्रा, लोहा 11.4 मि.ग्रा आदि पोषक तत्व होते हैं. हमारे भोजन में मक्का, ज्वार, बाजरे की रोटी के साथ गुड़ खाया जाता है.आजकल तो शादियों में बड़े-बड़े भोज आयोजित किये जाते हैं तथा वहां पर भी मक्का, बाजरे की रोटी के साथ गुड़ का स्टाल लगाया जाता है.हृदय विशेषज्ञ नीरज सिन्हा का मानना है कि गुड़ की पपड़ी या गुड़ की चीज खाने से हृदय मजबूत होता है.
गुड़ में कैल्शियम, मैंगनीज और मेगनीशियम होने के कारण उसका औषधीय महत्व भी बहुत है.तो आईये जानते है, इसके महत्वपूर्ण गुणों के बारे में …
* प्रसव के पश्चात स्त्रियों को गुड़ देना प्राचीनकाल से चला आ रहा है.शिशु जन्म के बाद गर्भाशय की पूर्ण रूप से सफाई न होने पर अनेक विकार होने की संभावना बनी रहती है.
* शिशु के जन्म के 3 दिन तक प्रसूता को गुड़ के पानी के साथ सौंठ दी जाती है. गुड़ ग्लूकोज के समान ही एक पौष्टिक आहार है.इसमें कैलोरी भी भरपूर मात्रा में पायी जाती है.
* वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों का कहना है कि यौवन क्षमता बनाए रखने तथा दीर्वजीवन के लिये गुड़ का प्रयोग अच्छा रहता है.
*जो बच्चे रिकेट दांत के क्षय या कैल्शियमहीनता की दूसरी बीमारियों से पीड़ित हो उनको हमेशा चीनी की जगह पर्याप्त गुड़ देना चाहिये.
* बढ़ते हुए बच्चों के लिये यह एक अत्यन्त उत्तम खाद्य है.
* यदि बच्चों को उचित मात्रा में दूध न मिले तो उन्हें कुछ मात्रा में गुड़ देना चाहिए .
पतले दस्त लगने पर एवं तेज बुखार के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाने पर गुड़ के पानी में नींबू का रस मिलाकर देने से तत्काल राहत मिलती है क्योंकि गुड़ ग्लूकोज के समान कार्य करता है.
* भोजन के साथ गुड़ खाने से थकान दूर होती है.
* गुड़ और काले तिल के लड्डू बच्चों को देने से बच्चों का बिस्तर में पेशाब करना दूर हो जाता है.
* भोजन के बाद गुड़ खाने से गैस नहीं बनती है। सर्दी, जुकाम या कफ बहुत बनता हो तो अदरक व गुड़ बराबर मात्रा में दिन में तीन बार लेने से आराम मिलता है.
* दुधारु पशुओं को गुड़ के साथ हिमालिया बत्तीसा देने से वह स्वस्थ रहते हैं। पाचन क्रिया ठीक रहती है, तथा दूध में भी बढ़ोत्तरी होती है.इसके अलावा पशुओं को पानी पिलाते समय तगारी या बाल्टी में थोड़ा आटा व थोड़ा सा गुड़ व मामूली नमक डालकर पिलायें, पशु बहुत ही रूचि से पानी पीता है.
गुड़ का उपयोग मूलतः दक्षिण एशिया में किया जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों मे गुड़ का उपयोग चीनी के स्थान पर किया जाता है
Gur ke fayde,गुड़ का नाम सुनते ही मुंह में पानी और मन में मिठास आ जाती है, मन-मस्तिष्क को भाने वाला गुड सेहत के लिए फायदेमंद है. आयुर्वेद में गुड़ को अत्यन्त गुणवान, आयु को बढ़ाने वाला और शरीर को निरोग तथा यौवन को स्थिर रखने वाला कहा गया है. आयुर्वेद के अनुसार गुड़ क्षारीय, भारी, सि्ग्ध होता है. ठंड के दिनों में शक्तिवर्ध्दक है, और मूत्र की रुकावटों को दूर करता है. गुड़ जितना पुराना हो उतना अधिक गुणों से युक्त होता है.गुड़ में पाया जाने वाला क्षारीय गुण रक्त की अम्लता को दूर करता है। मेहनतकश एवं खिलाड़ियों के लिये तो यह किसी वरदान से कम नहीं है.
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गुड़ में कैल्शियम, मैंगनीज और मेगनीशियम होने के कारण उसका औषधीय महत्व भी बहुत है.तो आईये जानते है, इसके महत्वपूर्ण गुणों के बारे में …
* प्रसव के पश्चात स्त्रियों को गुड़ देना प्राचीनकाल से चला आ रहा है.शिशु जन्म के बाद गर्भाशय की पूर्ण रूप से सफाई न होने पर अनेक विकार होने की संभावना बनी रहती है.
* शिशु के जन्म के 3 दिन तक प्रसूता को गुड़ के पानी के साथ सौंठ दी जाती है. गुड़ ग्लूकोज के समान ही एक पौष्टिक आहार है.इसमें कैलोरी भी भरपूर मात्रा में पायी जाती है.
* वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों का कहना है कि यौवन क्षमता बनाए रखने तथा दीर्वजीवन के लिये गुड़ का प्रयोग अच्छा रहता है.
*जो बच्चे रिकेट दांत के क्षय या कैल्शियमहीनता की दूसरी बीमारियों से पीड़ित हो उनको हमेशा चीनी की जगह पर्याप्त गुड़ देना चाहिये.
* बढ़ते हुए बच्चों के लिये यह एक अत्यन्त उत्तम खाद्य है.
* यदि बच्चों को उचित मात्रा में दूध न मिले तो उन्हें कुछ मात्रा में गुड़ देना चाहिए .
* भोजन के साथ गुड़ खाने से थकान दूर होती है.
* गुड़ और काले तिल के लड्डू बच्चों को देने से बच्चों का बिस्तर में पेशाब करना दूर हो जाता है.
* भोजन के बाद गुड़ खाने से गैस नहीं बनती है। सर्दी, जुकाम या कफ बहुत बनता हो तो अदरक व गुड़ बराबर मात्रा में दिन में तीन बार लेने से आराम मिलता है.
* दुधारु पशुओं को गुड़ के साथ हिमालिया बत्तीसा देने से वह स्वस्थ रहते हैं। पाचन क्रिया ठीक रहती है, तथा दूध में भी बढ़ोत्तरी होती है.इसके अलावा पशुओं को पानी पिलाते समय तगारी या बाल्टी में थोड़ा आटा व थोड़ा सा गुड़ व मामूली नमक डालकर पिलायें, पशु बहुत ही रूचि से पानी पीता है.