कहीं से ढूँड कर लाओ 'जिगर' को
इलाज-ए-दर्द-ए-दिल वो जानता है
- जिगर बरेलवी
उल्फ़त के बदले उन से मिला दर्द-ए-ला-इलाज
इतना बढ़े है दर्द मैं जितनी दवा करूँ
- असर अकबराबादी
सारा जहाँ मरीज़, मरज़ भी है ला-इलाज
पहचाने कौन दर्द दवा की किसे ख़बर
- संदीप कोल नादिम
इलाज-ए-दर्द-ए-दिल तुम से मसीहा हो नहीं सकता
तुम अच्छा कर नहीं सकते मैं अच्छा हो नहीं सकता
- मुज़्तर ख़ैराबादी
ज़मीं के पास किसी दर्द का इलाज नहीं
ज़मीन है कि मिरे अहद की सियासत है
- अरशद अब्दुल हमीद
इश्क़ को दीजिए जुनूँ में फ़रोग़
दर्द से दर्द की दवा कीजिए
- जिगर बरेलवी
Hindi Ilaaj famous shayari
इलाज की नहीं हाजत दिल-ओ-जिगर के लिए
बस इक नज़र तिरी काफ़ी है उम्र-भर के लिए
- मुनव्वर बदायुनी
बताओ ऐसे मरीज़ों का है इलाज कोई
कि जिन से हाल भी अपना बयाँ नहीं होता
-अज़ीज़ लखनवी
दहकी है आग दिल में पड़े इश्तियाक़ की
तेरे सिवाए किस से हो इस का इलाज आज
- इंशा अल्लाह ख़ान
दर्द सहने के लिए सदमे उठाने के लिए
उन से दिल अपना मुझे वापस तलब करना पड़ा
- अज़ीज़ हैदराबादी
कहीं से ढूँड कर लाओ 'जिगर' को
इलाज-ए-दर्द-ए-दिल वो जानता है
- जिगर बरेलवी
Ilaaj famous shayari collection
किस से उम्मीद करें कोई इलाज-ए-दिल की
चारागर भी तो बहुत दर्द का मारा निकला
- लुत्फ़ुर्रहमान
नश्तर है मेरे हाथ में काँधों पे मय-कदा
लो मैं इलाज-ए-दर्द-ए-जिगर ले के आ गया
- सुदर्शन फ़ाख़िर
क्या मुस्तक़िल इलाज किया दिल के दर्द का
वो मुस्कुरा दिए मुझे बीमार देख कर
- अब्दुल हमीद अदम
ये हिज्र है तो इस का फ़क़त वस्ल है इलाज
हम ने ये ज़ख़्म-ए-वक़्त को भरने नहीं दिया
- अदीम हाशमी
जज़्ब होता जा रहा है दिल में दर्द-ए-ला-इलाज
क्या इसी मरहम से होना तय है दुनिया का इलाज
- अभिनंदन पांडे
मौत हो या वो हों दोनों हैं इलाज-ए-दर्द-ए-दिल
वा-ए-क़िस्मत एक भी लेता नहीं आने का नाम
- वक़ार बिजनोरी
दिल का इलाज कीजिए अब या न कीजिए
अपना जो काम था वो ग़म-ए-यार कर गया
- फ़ानी बदायुनी
Best Shayari on ilaaj
मिरी बर्बादियों का डाल कर इल्ज़ाम दुनिया पर
वो ज़ालिम अपने मुँह पर हाथ रख कर मुस्कुरा दे है
- कलीम आजिज़
कहते हैं कि उम्मीद पे जीता है ज़माना
वो क्या करे जिस को कोई उम्मीद नहीं हो
- आसी उल्दनी..
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया
ख़ुश हूं कि कुछ न कुछ तो मिरे पास रह गया
- अब्दुल हमीद अदम
मिरा ख़त उसने पढ़ा पढ़ के नामा-बर से कहा
यही जवाब है इसका कोई जवाब नहीं
- अमीर मीनाई
ये दश्त वो है जहां रास्ता नहीं मिलता
अभी से लौट चलो घर अभी उजाला है
- अख़्तर सईद ख़ान