Positive morning shayari collection |
एक अच्छी सुबह की उम्मीद बांधतीं शायरी
उम्मीद कीजिए अगर उम्मीद कुछ नहीं
ग़म खाइए बहुत जो ख़याल-ए-सुरूर है
- इस्माइल मेरठी
पता है कि वहां पानी नहीं है
मगर उम्मीद सहरा छानती है
- अश्क अलमास
एक उम्मीद जाग उठती है
आसमां जब भी देखता है मुझे
- बलवान सिंह आज़र
सिर्फ़ उस के दर से उम्मीद
सिर्फ़ अपना आसरा है
- इक़बाल ख़ुसरो क़ादरी
दर्द ग़म अश्क और मायूसी
तेरी उम्मीद सब पे भारी है
- धीरेंद्र सिंह फ़य्याज़
ऐ काश वफ़ा की रौशनी से
उम्मीद का इक दिया जलाऊँ
- परवीन फ़ना सय्यद
फिर से बादल हैं आसमानों में
अब्र उम्मीदें ले कर आया है
- उज़ैर रहमान
धूप कभी चमकेगी इस उम्मीद पे मैं
बर्फ़ के दरिया में सदियों से लेटा हूँ
- अम्बर बहराईची
जब भी निकला सितारा-ए-उम्मीद
कोहर के दरमियान से निकला
- शकेब जलाली
ऐसे शेर जो आत्मविश्वास बढ़ाते हैं...
चला जाता हूँ हँसता खेलता मौज-ए-हवादिस से
अगर आसानियाँ हों ज़िंदगी दुश्वार हो जाए
- असग़र गोंडवी
चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिल
हौसला किस का बढ़ाता है कोई
- शकील बदायुनी
रंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ तो मिट जाता है रंज
मुश्किलें मुझ पर पड़ीं इतनी कि आसाँ हो गईं
- मिर्ज़ा ग़ालिब
इन अंधेरों से परे इस शब-ए-ग़म से आगे
इक नई सुब्ह भी है शाम-ए-अलम से आगे
- इशरत क़ादरी
साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन
तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है
- आल-ए-अहमद सूरूर
एक हो जाएँ तो बन सकते हैं ख़ुर्शीद-ए-मुबीं
वर्ना इन बिखरे हुए तारों से क्या काम बने
- अबुल मुजाहिद ज़ाहिद
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है
जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है
- शकील आज़मी
दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो क़दम
तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे
- बशीर बद्र
इतना सच बोल कि होंटों का तबस्सुम न बुझे
रौशनी ख़त्म न कर आगे अँधेरा होगा
- निदा फ़ाज़ली
चराग़-ए-राहगुज़र लाख ताबनाक सही
जला के अपना दिया रौशनी मकान में ला
- अकबर हैदराबादी
तदबीर के दस्त-ए-रंगीं से तक़दीर दरख़्शाँ होती है
क़ुदरत भी मदद फ़रमाती है जब कोशिश-ए-इंसाँ होती है
- हफ़ीज़ बनारसी
ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैं
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं
- माहिर-उल क़ादरी
बहुत हसीन सही सोहबतें गुलों की मगर
वो ज़िंदगी है जो काँटों के दरमियाँ गुज़रे
- जिगर मुरादाबादी
ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
- जौन एलिया
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
- बशीर बद्र