Energy Booster Sher Collection | Parveen Shakir top 10 ‘उत्साह’ बढ़ाते शायरों के अल्फ़ाज़
Energy Booster Sher Collection | Parveen Shakir top 10 ‘उत्साह’ बढ़ाते शायरों के अल्फ़ाज़ |
‘उत्साह’ बढ़ाते शायरों के अल्फ़ाज़
जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकां नहीं होता
- वसीम बरेलवी
कश्तियां सब की किनारे पे पहुंच जाती हैं
नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है
- अमीर मीनाई
तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा
तिरे सामने आसमां और भी हैं
- अल्लामा इक़बाल
चला जाता हूं हंसता खेलता मौज-ए-हवादिस से
अगर आसानियां हों ज़िंदगी दुश्वार हो जाए
- असग़र गोंडवी
रंज से ख़ूगर हुआ इंसां तो मिट जाता है रंज
मुश्किलें मुझ पर पड़ीं इतनी कि आसां हो गईं
- मिर्ज़ा ग़ालिब
हम परवरिश-ए-लौह-ओ-क़लम करते रहेंगे
जो दिल पे गुज़रती है रक़म करते रहेंगे
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
प्यासो रहो न दश्त में बारिश के मुंतज़िर
मारो ज़मीं पे पाँव कि पानी निकल पड़े
- इक़बाल साजिद
एक हो जाएं तो बन सकते हैं ख़ुर्शीद-ए-मुबीं
वर्ना इन बिखरे हुए तारों से क्या काम बने
- अबुल मुजाहिद ज़ाहिद
ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैं
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं
- माहिर-उल क़ादरी
देख ज़िंदां से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार
रक़्स करना है तो फिर पाँव की ज़ंजीर न देख
- मजरूह सुल्तानपुरी
परवीन शाकिर के 10 चुनिंदा शेर
मैं सच कहूंगी मगर फिर भी हार जाऊंगी
वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा
पलट कर फिर यहीं आ जाएंगे हम
वो देखे तो हमें आज़ाद कर के
ग़ैर मुमकिन है तिरे घर के गुलाबों का शुमार
मेरे रिसते हुए ज़ख़्मों के हिसाबों की तरह
तेरा घर और मेरा जंगल भीगता है साथ साथ
ऐसी बरसातें कि बादल भीगता है साथ साथ
बोझ उठाते हुए फिरती है हमारा अब तक
ऐ ज़मीं माँ तिरी ये उम्र तो आराम की थी
बंद कर के मिरी आँखें वो शरारत से हँसे
बूझे जाने का मैं हर रोज़ तमाशा देखूँ
ये हवा कैसे उड़ा ले गई आँचल मेरा
यूँ सताने की तो आदत मिरे घनश्याम की थी
तितलियाँ पकड़ने में दूर तक निकल जाना
कितना अच्छा लगता है फूल जैसे बच्चों पर
यूँ देखना उस को कि कोई और न देखे
इनाम तो अच्छा था मगर शर्त कड़ी थी
अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ
इक ज़रा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूँ