Shayari Collection Bahana |
कहे गए शेर 'बहानों' पर
तमाशा-ए-दैर-ओ-हरम देखते हैं
तुझे हर बहाने से हम देखते हैं
- दाग़ देहलवी
जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने
- शहरयार
घर बदलना तो बहाना है बहाना कर के
अंदर अंदर ही से इंसान कहाँ जाता है
-शाहीन अब्बास
बहाना शायरी इन हिंदी,
इक खेल पुराना चाहत का
इक दर्द बहाना राहत का
- मसूद मिर्ज़ा नियाज़ी
वो पूछता था मिरी आँख भीगने का सबब
मुझे बहाना बनाना भी तो नहीं आया
- वसीम बरेलवी
यूँही दिल ने चाहा था रोना-रुलाना
तिरी याद तो बन गई इक बहाना
- साहिर लुधियानवी
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जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें
ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही
- अमजद इस्लाम अमजद
उस का हँसना याद आता है रुलाने के लिए
कुछ बहाना चाहिए आँसू बहाने के लिए
- मुंशी देबी प्रसाद सहर बदायुनी
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत के बने लाख फ़साने
तोहमत के बहाने कभी शोहरत के बहाने
- महेंद्र प्रताप चाँद
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आईना झूट बोलने के लिए
सौ बहाने तलाश करता है
- शमीम क़ासमी
सताया आज मुनासिब जगह पे बारिश ने
इसी बहाने ठहर जाएँ उस का घर है यहाँ
- इक़बाल अशहर
सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है
हँसता चेहरा एक बहाना लगता है
- कैफ़ भोपाली
उठाया उस ने बीड़ा क़त्ल का कुछ दिल में ठाना है
चबाना पान का भी ख़ूँ बहाने का बहाना है
- मर्दान अली खां राना
तिरा हुस्न भी बहाना मिरा इश्क़ भी बहाना
ये लतीफ़ इस्तिआरे न समझ सका ज़माना
- जमील मज़हरी
आशिक़ी क्या है सच जो पूछो तो
हम को मरने का इक बहाना मिला
- सफ़ी औरंगाबादी
दामन-ए-सब्र न छोड़ेंगे कभी अहल-ए-वफ़ा
तुम बनाओगे मिरी जान बहाने कितने
- अतयब एजाज़
बिछड़ के तुझ से मुझे है उमीद मिलने की
सुना है रूह को आना है फिर बदन की तरफ़
- नज़्म तबातबाई
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी
- जलील मानिकपूरी
ऐसी तारीकियाँ आँखों में बसी हैं कि 'फ़राज़'
रात तो रात है हम दिन को जलाते हैं चराग़
- अहमद फ़राज़
मुद्दत के ब'अद आज मैं ऑफ़िस नहीं गया
ख़ुद अपने साथ बैठ के दिन भर शराब पी
- फ़ाज़िल जमीली