Udasi hindi shayari collection and Sahar shayari collection: सहर यानी सुबह पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़
'उदास लम्हों' में शायरों ने कहे ऐसे शेर, सहर यानी सुबह पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़ ...
न जाने किस लिए उम्मीद-वार बैठा हूँ
इक ऐसी राह पे जो तेरी रहगुज़र भी नहीं
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
- अल्लामा इक़बाल
हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल
उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती
- वसीम बरेलवी
अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब
अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं
- साहिर लुधियानवी
मैं हूँ दिल है तन्हाई है
तुम भी होते अच्छा होता
- फ़िराक़ गोरखपुरी
शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास
दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं
- फ़िराक़ गोरखपुरी
हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत
देंगे वही जो पाएँगे इस ज़िंदगी से हम
- साहिर लुधियानवी
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन के शिकवे अब कहाँ
अब तो ये बातें भी ऐ दिल हो गईं आई गई
- साहिर लुधियानवी
मैं रोना चाहता हूँ ख़ूब रोना चाहता हूँ मैं
फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं
- फ़रहत एहसास
सुपुर्द कर के उसे चाँदनी के हाथों में
मैं अपने घर के अँधेरों को लौट आऊँगी
- परवीन शाकिर
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत
- महमूद शाम
इस डूबते सूरज से तो उम्मीद ही क्या थी
हँस हँस के सितारों ने भी दिल तोड़ दिया है
- महेश चंद्र नक़्श
किसी के पाँव की आहट का इंतिज़ार किया
इसी उदास खंडर के उदास टीले पर
- शमीम करहानी
चेहरा उदास उदास था मैला लिबास था
क्या दिन थे जब ख़याल-ए-तमन्ना लिबास था
- मजीद अमजद
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सहर यानी सुबह पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़
बड़े ताबां बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैं
सहर की राह तकना ता सहर आसां नहीं होता
- अदा जाफ़री
रात कौन आया था
कर गया सहर रौशन
- मोहम्मद अल्वी
कोई हंगामा-ए-हयात नहीं
रात ख़ामोश है सहर ख़ामोश
- वाहिद प्रेमी
अपने चेहरे से जो ज़ुल्फ़ों को हटाया उस ने
देख ली शाम ने ताबिंदा सहर की सूरत
- आतिश बहावलपुरी
सहर के साथ चले रौशनी के साथ चले
तमाम उम्र किसी अजनबी के साथ चले
- ख़ुर्शीद अहमद जामी
ऐसे खोए सहर के दीवाने
लूट कर शाम तक न घर आए
- मतीन नियाज़ी
रात कौन आया था
कर गया सहर रौशन
- मोहम्मद अल्वी
सहर सहर न पुकारो दुबक के सो जाओ
तुम्हारे हिस्से की शब तो बहुत पड़ी है अभी
- आबिद आलमी
वो सहर भी तुझी से सहर थी 'असद'
शब भी तुम से है शब आज की शब न जा
- सुबहान असद
आज के टॉप 4 शेर
जितनी बटनी थी बट चुकी ये ज़मीं
अब तो बस आसमान बाक़ी है
- राजेश रेड्डी
पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता है
अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैं
- निदा फ़ाज़ली
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
- बशीर बद्र
मिरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैं
मैं आदमी हूँ मिरा ए'तिबार मत करना
- आसिम वास्ती