बारिश व बरखा पर शायरी |
बारिश व बरखा पर कुछ लाइन चुनिन्दा शायरी. दोस्तों, गर्मी के बाद बारिश
की रिमझिम फुहार से भरा सुहावना मौसम किसे नहीं भाता, सब के दिलो को अपनी
बूंदों से भीगा देती बारिश Read more about barish shayari, barish sher,
best sher on barish Barish Shayari in Hindi. बारिश–बरसात के मोसम पर
शायरी. दोस्तों, बारिश का सुहावना मोसम सभी को अच्छा लगता है barish
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बारिश शायरी इन हिंदी,
याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था
- नासिर काज़मी
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई
- जमाल एहसानी
उस को आना था कि वो मुझ को बुलाता था कहीं
रात भर बारिश थी उस का रात भर पैग़ाम था
- ज़फ़र इक़बाल
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टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
- सज्जाद बाक़र रिज़वी
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को 'अंजुम'
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई
- अंजुम सलीमी
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मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी
तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं
- सुल्तान अख़्तर
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की
- परवीन शाकिर
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टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
- सज्जाद बाक़र रिज़वी
बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ी
बादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी
- हसरत मोहानी
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
- क़तील शिफ़ाई
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
- निदा फ़ाज़ली
याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था
- नासिर काज़मी
बारिश–बरसात के मोसम पर शायरी. दोस्तों, बारिश का सुहावना मोसम सभी को
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