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घटाओं पर शायरी - Ghata Shayari Collection In Hindi

घटाओं पर शायरी - Ghataa Shayari Collection In Hindi
Ghataa Shayari



Ghata Shayari Collection In Hindi  घटाओं पर शायरी 'घटाओं' पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़   अब कौन घटाओं को, घुमड़ने से रोक पायेगा। ज़ुल्फ़ जो खुल गयी तेरी, लगता है सावन आयेगा।। Ab Kaun Ghatao Ko Ghumadane Se Rok Payega
Best हवाओं Quotes, Status, Shayari, Poetry & Thoughts on India's fastest growing writing app | YourQuote. ... उन हवाओं, और तूफानों से, क्या डरना,घटाओं पर शायरी जो जिंदगी के, जोर पर हैं। एक दिन तो, मरना ही है, फिर..... क्यों डरे हम, इस शोर से। घटा पर शायरी




'घटाओं' पर कहे शायरो,

मेरी दुनिया में समुंदर का कहीं नाम नहीं
फिर घटा फेंकती है मुझ पे ये पत्थर कैसे
- अशहर हाशमी


क्यूं न टूटे मिरी तौबा जो कहे तू साक़ी
पी ले पी ले अरे घनघोर घटा छाई है
- रियाज़ ख़ैराबादी




घटाओं पर शायरी,

क्या मुसीबत है कि जिस दिन से छुटी मय-नोशी
दिल जलाने के लिए रोज़ घटा आती है
- जलील मानिकपूरी


कब से टहल रहे हैं गरेबान खोल कर
ख़ाली घटा को क्या करें बरसात भी तो हो
- आदिल मंसूरी


Ghataa Shayari Collection,

 
क्या ख़बर कब बरस के टूट पड़े
हर तरफ़ ऐसी है घटा छाई
- इंद्र सराज़ी


लिपट जाते हैं वो बिजली के डर से
इलाही ये घटा दो दिन तो बरसे
- दाग़ देहलवी


Hindi Ghataa Shayari,

उसी के शेर सभी और उसी के अफ़्साने
उसी की प्यास का बादल घटा में आया है
- विशाल खुल्लर


किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी
- आरज़ू लखनवी



Ghataa Shayari Collection,

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
- निदा फ़ाज़ली


जो घटा छा के न बरसे वो घटा क्या है घटा
हाँ अगर टूट के बरसे तो घटा कहते हैं
- कौसर सीवानी

 

तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैं।
गए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैं।।

 
एक दिल है कि जो प्यासा है समंदर की तरह।
दो निगाहें जो घटाओं के सिवा कुछ भी नहीं।।

  काली घटा पर शायरी  

 
तुम्हारे चेहरे को कमल कहू तो गुस्ताखी होगी
तुम्हारी जुल्फों को घटा कहू तो रुसवाई होगी।

तूम तो समंदर है मोह्हबत का
कोई तुम्हें दरिया कहे तो ना इंसानी होगी।।

 
तेरे नैनों ने काली घटा का काजल लगाया,
फ़िज़ाओं का मौसम जाने पर।

बहारों का मौसम आया, गुलाब से गुलाब का रंग,
जवानी जो तुम पर चढ़ी तो नशा मेरी आँखों में आया।।







तेरे रूखसार पर बिखरी जुल्फों की घटा।
मैं क्या कहूँ ऐ चाँद, हाय! तेरी हर अदा।।

 घटाओं शायरी 

 
या दिले दीवाना रुत जागी वस्ले यार की।
झुकी हुई ज़ुल्फ़ में छाई है घटा प्यार की।।

 
ज़ुल्फ़ घटा बन कर रह जाए आँख कँवल हो जाए शायद।
उन को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए।।
क़ैसर उल जाफ़री

 
ये आँखे, ये जुल्फे ,ये हौठ ,ये अदा , ये नजर ,ये काली घटा।
लगता है "सावन "आने वाला है, मोहब्बत  बरसा देना तुम।।

  Ghataa Shayari 

 
तुझको देखेंगे सितारे तो दुआ मांगेंगे
और प्यासे तेरी जुल्फों से घटा मांगेंगे।

अपने कांधे से दुपट्टा ना सरकने देना
वर्ना बूढ़े भी जवानी की दुआ मांगेंगे।।

 
अब कौन घटाओं  को, घुमड़ने से रोक पायेगा।
 ज़ुल्फ़ जो खुल गयी तेरी, लगता है सावन आयेगा।।

 

 
तुम्हारी लहराती ज़ुल्फ़ों ने,
सर्जिकल स्ट्राइक कर मन को घायल कर दिया।

गोरे रंग में काली घटाओं ने दर्दे ज़िगर को,
हमेशा के लिए तेरा क़ायल कर दिया।।

 
गुलाब से गुलाब का रंग
तेरे गालों पे आया।

तेरे नैनों ने काली घटा का
काजल लगाया।

जवानी जो तुम पर चढ़ी तो
नशा मेरी आँखों में आया।।

 
बरसता, भीगता मौसम है कमज़ोरी मेरी लेकिन।
मैं ये रिमझिम, घटा, बादल तुम्हारे नाम करता हूँ।।

 
जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की।
उस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख।।

  घटा शायरी 

 
तेरा उलझा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं
जो मेरे दिल मे है शायद तेरी धड़कन तो नहीं।

यूँ ही अचानक मुझे बरसात की याद क्यूँ आई
जो घटा है तेरी आँखों मे वो सावन तो नहीं।।

 
मोहब्बत का है दरिया तू,मैं तेरी रवानी हूँ।
घटा घनघोर है तू तो मै तेरा ही पानी हूँ।।

कैसे लोग जीते हैं, नफरत मे तेरे होते।
मेरा तू दीवाना है, तेरी मैं दिवानी हूँ।।

  Ghata Shayari 

 
जुल्फ देखी है या नजरों ने घटा देखी है
लुट गया जिसने भी तेरी अदा देखी है।

अपने चेहरे को अब हमसे न छिपाना
मुद्दतों बाद इस मरीज ने दवा देखी है।।







जब भी चाँद पर काली घटा छा जाती है,
चाँदनी भी यह देख फिर शर्मा जाती है।

लाख छिपाएं हम दुनिया से यह मगर,
जब भी होते हैं अकेले तेरी याद आ जाती है।।


  घटा  शायरी 2 लाइन - Ghata Status  काली घटा पर शायरी

 
तुझे देखेंगे सितारे तो ज़िया मांगेंगे।
प्यासे तेरी जुल्फों से घटा मांगेंगे।।

 
सूरज का यूँ अफ़क़ पे गुरूब हो जाना तो कुछ तय सा था।
पर फिर ये तेरी जुल्फों की काली घटाएं क़यामत ले आई।।


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