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छीनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो
आंख से आंसू नहीं शोला निकलना चाहिए
बड़ा न छोटा कोई फ़र्क़ बस नज़र का है
सभी पे चलते समय एक सा कफ़न देखा
आंख से आंसू नहीं शोला निकलना चाहिए
बड़ा न छोटा कोई फ़र्क़ बस नज़र का है
सभी पे चलते समय एक सा कफ़न देखा
Gopaldas Neeraj Best Hindi Shayari,
ज़बां है और बयां और उस का मतलब और
अजीब आज की दुनिया का व्याकरन देखा
मेरे घर कोई ख़ुशी आती तो कैसे आती
उम्र-भर साथ रहा दर्द महाजन की तरह
Best Hindi Shayari of Gopaldas,
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए
जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए
जिस्म दो हो के भी दिल एक हों अपने ऐसे
मेरा आंसू तेरी पलकों से उठाया जाए
जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए
जिस्म दो हो के भी दिल एक हों अपने ऐसे
मेरा आंसू तेरी पलकों से उठाया जाए
Shayri of Gopaldas,
जितना कम सामान रहेगा
उतना सफ़र आसान रहेगा
उस से मिलना ना-मुम्किन है
जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा
शायरी गोपाल दास नीरज,
है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
हर किसी शख़्स की क़िस्मत का यही है क़िस्सा
आए राजा की तरह जाए वो निर्धन की तरह