Munawwar Rana Shayari |
मुनव्वर राना शायरी व पॉलिटिक्स 2020 maan munawwar rana,
muhajir nama book in hindi pdf download,
munawwar rana shahdaba,
मुनव्वर राना उर्दू अदब के एक मक़बूल नाम हैं, पेश हैं उनके लिखे बेहतरीन शेर Munawwar Rana Shayari
आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
ज़िंदगी तू कब तलक दर-दर फिराएगी हमें
टूटा-फूटा ही सही घर-बार होना चाहिए
बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग
बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग
इक दूसरे के साथ वफ़ा के बग़ैर भी
बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग
बरसों से इस मकान में रहते हैं चंद लोग
इक दूसरे के साथ वफ़ा के बग़ैर भी
एक क़िस्से की तरह वो तो मुझे भूल गया
इक कहानी की तरह वो है मगर याद मुझे
भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
मोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है
भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
मोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है
ताज़ा ग़ज़ल ज़रूरी है महफ़िल के वास्ते
सुनता नहीं है कोई दोबारा सुनी हुई
हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं
इसे भी पढ़ें Father's Day Best Hindi Jokes
अँधेरे और उजाले की कहानी सिर्फ़ इतनी है
जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा
तुम्हारे बाद किसी की तरफ़ नहीं देखा
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा
तुम्हारे बाद किसी की तरफ़ नहीं देखा
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
मैं इस से पहले कि बिखरूँ इधर उधर हो जाऊँ
मैं इस से पहले कि बिखरूँ इधर उधर हो जाऊँ
मुझे सँभाल ले मुमकिन है दर-ब-दर हो जाऊँ
मैं इस से पहले कि बिखरूँ इधर उधर हो जाऊँ
मैं इस से पहले कि बिखरूँ इधर उधर हो जाऊँ
मुझे सँभाल ले मुमकिन है दर-ब-दर हो जाऊँ
मसर्रतों के ख़ज़ाने ही कम निकलते हैं
किसी भी सीने को खोलो तो ग़म निकलते हैं
मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
अब इस से ज़यादा मैं तेरा हो नहीं सकता
मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
अब इस से ज़यादा मैं तेरा हो नहीं सकता
मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी
माँ की आँखें चूम लीजे रौशनी बढ़ जाएगी
वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है
वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है
रेत पर ओस से इक नाम लिखा होता है
वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है
वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है
रेत पर ओस से इक नाम लिखा होता है
मैं भुलाना भी नहीं चाहता इस को लेकिन
मुस्तक़िल ज़ख़्म का रहना भी बुरा होता है
तेरे एहसास की ईंटें लगी हैं इस इमारत में
तेरे एहसास की ईंटें लगी हैं इस इमारत में
हमारा घर तेरे घर से कभी ऊँचा नहीं होगा
तेरे एहसास की ईंटें लगी हैं इस इमारत में
तेरे एहसास की ईंटें लगी हैं इस इमारत में
हमारा घर तेरे घर से कभी ऊँचा नहीं होगा
ये हिज्र का रस्ता है ढलानें नहीं होतीं
सहरा में चराग़ों की दुकानें नहीं होतीं
ये सर-बुलंद होते ही शाने से कट गया
ये सर-बुलंद होते ही शाने से कट गया
मैं मोहतरम हुआ तो ज़माने से कट गया
उस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगर
ये पेड़ सिर्फ़ बीच में आने से कट गया
वर्ना वही उजाड़ हवेली सी ज़िंदगी
तुम आ गए तो वक़्त ठिकाने से कट गया
ये सर-बुलंद होते ही शाने से कट गया
ये सर-बुलंद होते ही शाने से कट गया
मैं मोहतरम हुआ तो ज़माने से कट गया
उस पेड़ से किसी को शिकायत न थी मगर
ये पेड़ सिर्फ़ बीच में आने से कट गया
वर्ना वही उजाड़ हवेली सी ज़िंदगी
तुम आ गए तो वक़्त ठिकाने से कट गया
Munawwar Rana Shayari 2020 maan munawwar rana, muhajir nama book in hindi pdf download, munawwar rana shahdaba, munawwar rana daughter, anwar rana, munawwar rana rekhta, urusha rana, munawwar rana muhajir nama, munawwar rana maa shayari in urdu, munawwar rana on politics, munawwar rana latest news, munawwar rana mushaira, munawwar rana ki shayari, मुनव्वर राना बेटी शायरी, मुनव्वर राना शायरी मुहाजिर, सियासत और शायरी, Rukhsat Karo Mujhe मुनव्वर राना, मुनव्वर राना माँ शायरी, फिर कबीर मुनव्वर राना, मुनव्वर राना का मुशायरा, शायरी माँ के लिए, मुनव्वर राना की शायरी सुनाओ, जुल्म के खिलाफ शायरी, तानाशाही पर शायरी, नेताओं पर शायरी, माहौल पर शायरी, मुल्क के हालात पर शायरी, छल शायरी, मुनव्वर राना शायरी इन हिंदी, Shayari on Mother in Hindi, माँ पर कविताएं, जिसकी माँ नहीं होती शायरी,