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Nadi Ke Kinare Shayari In Hindi किनारे' पर शायरों के अल्फ़ाज़


नदी के किनारे पर कहे गए शायरों की शायरी इन हिंदी

नदी के किनारे पर कहे गए शायरों की शायरी इन हिंदी





भंवर से लड़ो तुंद लहरों से उलझो
कहां तक चलोगे किनारे किनारे
- रज़ा हमदानी


ज़रा दरिया की तह तक तो पहुँच जाने की हिम्मत कर
तो फिर ऐ डूबने वाले किनारा ही किनारा है
- बासित भोपाली

पाँव उठते हैं किसी मौज की जानिब लेकिन
रोक लेता है किनारा कि ठहर पानी है
- अकरम महमूद



kashti ke musafir shayari
तलातुम का एहसान क्यूँ हम उठाएँ
हमें डूबने को किनारा बहुत है
- साहिर भोपाली

मिरे डूब जाने का बाइस न पूछो
किनारे से टकरा गया था सफ़ीना
- हफ़ीज़ जालंधरी


इन किनारों की ज़िंदगी देखो
साथ रहते हैं मिल नहीं सकते
- निकहत गुल-रुख़


kashtiyan shayari 
मिरे नाख़ुदा न घबरा ये नज़र है अपनी अपनी
तिरे सामने है तूफ़ाँ मिरे सामने किनारा
- फ़ारूक़ बाँसपारी


दिल के दरिया ने किनारों से मोहब्बत कर ली
तेज़ बहता है मगर कम नहीं होने पाता
- सरवत ज़ेहरा


kinara shayari hindi 
दोस्त अहबाब से लेने न सहारे जाना
दिल जो घबराए समुंदर के किनारे जाना
- अब्दुल अहद साज़


रब्त है हुस्न ओ इश्क़ में बाहम
एक दरिया के दो किनारे हैं
- मोहम्मद दीन तासीर






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