मिथुन चक्रवर्ती की इन 10 फिल्मों में मिलेंगे आपको उनके अभिनय के नौ रस, 70 के हुए गन मास्टर जी 9
दुनिया भर में 'डिस्को डांसर' के नाम से मशहूर भारतीय फिल्मों के वरिष्ठ अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को यह भारतीय फिल्म इंडस्ट्री सम्मान से मिथुन दा कहकर पुकारती है। इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए उन्होंने भारत की अलग-अलग भाषाओं बंगाली, हिंदी, ओड़िया, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और पंजाबी में साढ़े तीन सौ से ज्यादा फिल्में की हैं। दो फिल्मफेयर पुरस्कार और तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले मिथुन चक्रवर्ती को हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। आइए आज उनकी सैकड़ों फिल्मों में से कुछ फिल्मों के बेहतरीन किरदारों पर चर्चा करते हैं।
किरदार : घिनुआ
फिल्म : मृगया (1976)
मिथुन चक्रवर्ती ने इस फिल्म के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की है। यह इतना आसान नहीं था। फिल्म के निर्देशक मृणाल सेन ने उन्हें एक इंस्टीट्यूट से खोजा था। उस दिन सभी छात्र डिप्लोमा और डिग्री के प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे थे। उस समय मृणाल की नजर मिथुन पर पड़ी जो बड़ी बेफिक्री के साथ कुछ खूबसूरत लड़कियों के साथ फ्लर्ट कर रहे थे। मिथुन का यह अंदाज मृणाल को पसंद आया और दो साल बाद उन्होंने अपनी इस फिल्म के लिए मिथुन को कास्ट किया। मिथुन ने इस फिल्म में एक असाधारण तीरंदाज घिनुआ का किरदार निभाया है जो अंग्रेजों से एक बड़े खेल के लिए शर्त लगाता है। हालांकि जीतने के बावजूद भी अंग्रेज उसे अपनी फितरत के अनुसार दंडित करते हैं। इस बंगाली फिल्म में शानदार अभिनय के लिए मिथुन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया।
किरदार : गन मास्टर जी-9
फिल्म : सुरक्षा (1979)
इस फिल्म के साथ मिथुन चक्रवर्ती ने अपने आपको भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक कमर्शियल हीरो के रूप में स्थापित किया। इस छोटे बजट की जासूसी वाली थ्रिलर फिल्म को रविकांत नागाइच ने निर्देशित किया है। इस फिल्म के बाद ही मिथुन चक्रवर्ती के आगे पीछे भारतीय सिनेमा के जाने-माने फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों की लाइन लग गई। इस फिल्म में मिथुन सीबीआई के एक अफसर गोपी की भूमिका में नजर आए हैं जिसका निकनेम होता है गन मास्टर जी-9। गन मास्टर जी-9 अपनी बुद्धि और विवेक के साथ काम करते हुए भारत में फैले आतंकवाद का सफाया करने का काम करता है। रविकांत नागायच ने इस फिल्म का 'वारदात' नाम से एक सीक्वल भी बनाया।
किरदार : भीमा
फिल्म : हम पांच (1980)
इस फिल्म का निर्देशन मिथुन चक्रवर्ती के पसंदीदा निर्देशक बापू ने किया है। यह फिल्म बोनी कपूर के निर्माण में बनी पहली फिल्म है। इस फिल्म में अनिल कपूर में भी एक कैमियो अपीयरेंस किया है। फिल्म के नाम के हिसाब से यह फिल्म महाभारत की कहानी से मिलती-जुलती ही है। इस फिल्म में भी पांडवों की तरह पांच भाइयों की लड़ाई आज के समय के कुछ कौरवों से होती है। जैसा की ज्ञात है कि सारे कौरवों का खात्मा भीम ने ही किया था इसलिए इस फिल्म में भीमा के किरदार में नजर आए हैं मिथुन चक्रवर्ती। यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा पैसे कमाने वाली फिल्मों में छठे स्थान पर रही। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के साथ संजीव कुमार, शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह, राज बब्बर, गुलशन ग्रोवर और अमरीश पुरी मुख्य भूमिका में नजर आए।
किरदार : जिम्मी/अनिल
फिल्म : डिस्को डांसर (1982)
इस फिल्म से मिथुन चक्रवर्ती को सुपरस्टारडम मिला। उन्हें रातों रात भारत में तो लोग जानने ही लगे थे, साथ ही उन्होंने इस फिल्म से रूस तक अपनी गहरी पहचान बना ली थी। इस फिल्म के बाद वह एक डांसिंग स्टार के रूप में इस इंडस्ट्री में स्थापित हो गए थे। इस फिल्म के निर्देशक रहे बब्बर सुभाष के साथ मिथुन चक्रवर्ती ने कसम पैदा करने वाले की, डांस डांस और कमांडो जैसी भी सफल फिल्मों में काम किया। इस फिल्म की कहानी एक ऐसे गरीब लड़के की है जो बॉम्बे के स्लम इलाकों से उठकर पहले गलियों में अपनी प्रस्तुति देता है और फिर उसके बाद फर्श से अर्श तक का रास्ता तय करता है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के साथ किम, राजेश खन्ना, ओमपुरी, गीता सिद्धार्थ और ओम शिवपुरी मुख्य भूमिकाओं में हैं।
किरदार : शंकर धर्मा
फिल्म : बॉक्सर (1984)
राज एन सिप्पी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती एक बॉक्सर के रूप में नजर आए हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती ने एक ऐसे बॉक्सर का किरदार निभाया है जो छह महीने जेल में बिताने के बाद बॉक्सिंग सीखता है और जुनून में आकर उस समय के बॉक्सिंग चैंपियन रहे रघुराज को चुनौती देता है। फिल्म में मिथुन के पिता का किरदार निभाने वाले डैनी डेंजोंगपा भी एक बॉक्सर रह चुके थे और वह भी रघुराज से हार चुके थे। फिल्म में कमाल की बात तो यह रही है कि डैनी और मिथुन लगभग एक ही उम्र के हैं फिर भी डैनी ने उनके पिता का किरदार निभाया है। मिथुन चक्रवर्ती और डैनी डेंजोंगप्पा के साथ फिल्म में रति अग्निहोत्री, शरद सक्सेना, परीक्षित साहनी और तनुजा मुख्य भूमिकाओं में हैं।
किरदार : जावर प्रताप
फिल्म : गुलामी (1985)
जेपी दत्ता को देशभक्ति पर आधारित वॉर ड्रामा फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने इस फिल्म के साथ ही अपने निर्देशन में करियर की शुरुआत की है। जेपी इससे पहले भी एक फिल्म सरहद नाम से बना चुके थे जो रिलीज नहीं हो सकी। फिल्म में कुछ किसान जमीदारों से बगावत करके डकैत बन जाते हैं और फिर वह अपनी बेज्जती और शोषण का बदला उन जमींदारों को मार कर लेते हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती एक सेना के जवान की भूमिका में नजर आए हैं जो सेना की नौकरी से छुट्टी लेकर अपने घर आता है। बाद में वह अपने परिजनों के साथ मिलकर उन सभी जमीदारों का विनाश करता है जो उसके गांव में आतंक फैलाते हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती की स्टाइल में बोला गया संवाद "कोई शक" आज भी बहुत प्रचलित है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के साथ धर्मेंद्र, नसीरुद्दीन शाह, रीना रॉय, स्मिता पाटिल, अनीता राज, कुलभूषण खरबंदा और रजा मुराद मुख्य भूमिकाओं में नजर आए।
किरदार : राजा भैया
फिल्म : प्रेम प्रतिज्ञा (1989)
मिथुन चक्रवर्ती के पसंदीदा निर्देशक बापू के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के साथ नजर आए। 1987 में माधुरी दीक्षित ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ एक साथ तीन फिल्में साइन कर ली थीं जिनमें से 'प्रेम प्रतिज्ञा' भी एक रही। इसके अलावा 'इलाका' और 'मुजरिम' यह दोनों फिल्में भी 'प्रेम प्रतिज्ञा' के साथ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करने में कामयाब रहीं। इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और माधुरी दीक्षित की जोड़ी लोगों को खूब पसंद आई। मिथुन ने राजा भैया का किरदार निभाया है जो अपने दोस्त के साथ काम की तलाश में शहर जाता है। जब उसे कोई काम नहीं मिलता तो वह वहां के लोकल गुंडे को पीठ पाटकर वहां का खुद दादा बन जाता है।
किरदार : कृष्णन अय्यर एमए
फिल्म : अग्निपथ (1990)
यश जौहर के निर्माण में बनी इस फिल्म को वैसे अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्मों में से एक माना जाता है लेकिन इस फिल्म के लिए मिथुन चक्रवर्ती ने भी सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार की भूमिका निभाकर फिल्म फेयर पुरस्कार जीता है। फिल्म में मिथुन का किरदार बहुत ही अनोखा था। जब मिथुन एक संघर्षशील कलाकार थे, उस समय वह देवियो नाम के एक शख्स के साथ एक कमरे में रहते थे। उस कमरे में देवियो बिस्तर पर सोता था जबकि मिथुन जमीन पर सोया करते थे। मिथुन का यह किरदार देवियो से ही प्रेरित है। यश जौहर के बेटे करण जौहर ने वर्ष 2012 में जब इस फिल्म का रीमेक बनाया तब उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के किरदार कृष्णन को निकालकर ऋषि कपूर के किरदार राउफ लाला को जोड़ दिया था। हालांकि, फिर भी यह फिल्म देखी गई तो सिर्फ कांचा चीना के लिए।
किरदार : शिबनाथ
फिल्म : तहादेर कथा (1992)
मिथुन चक्रवर्ती की यह बंगाली भाषा की एक पीरियड ड्रामा फिल्म है जिसमें शानदार भूमिका निभाकर मिथुन ने सर्वश्रेष्ठ कलाकार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को जीता। बुद्धदेव दासगुप्ता के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती ने एक फ्रीडम फाइटर की भूमिका निभाई है जो भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए अपने अंतिम समय तक लड़ता रहा। इसी बीच शिबनाथ के हाथों एक ब्रिटिश अफसर की हत्या हो जाती है जिसके लिए शिबनाथ को 11 वर्ष की सजा सुनाई जाती है। शिबनाथ जब जेल से बाहर निकलता है तब पूरी दुनिया ही बदल चुकी होती है क्योंकि देश दो हिस्सों में टूट चुका होता है। बंटवारे के बाद शिबनाथ को किन परेशानियों से जूझना पड़ता है।
किरदार : रामकृष्ण परमहंस
फिल्म : स्वामी विवेकानंद (1998)
जी वी अय्यर के निर्देशन में बनी इस बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती स्वामी विवेकानंद के गुरु रामाकृष्ण के किरदार में नजर आए। फिल्म के रिलीज होने के कुछ ही समय बाद इसे राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर भी प्रसारित कर दिया गया था। हालांकि, मिथुन चक्रवर्ती की सराहना चारों दिशाओं में की गई और इस फिल्म के लिए मिथुन चक्रवर्ती ने सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के रूप में अपने करियर का तीसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।
किरदार : घिनुआ
फिल्म : मृगया (1976)
मिथुन चक्रवर्ती ने इस फिल्म के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की है। यह इतना आसान नहीं था। फिल्म के निर्देशक मृणाल सेन ने उन्हें एक इंस्टीट्यूट से खोजा था। उस दिन सभी छात्र डिप्लोमा और डिग्री के प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे थे। उस समय मृणाल की नजर मिथुन पर पड़ी जो बड़ी बेफिक्री के साथ कुछ खूबसूरत लड़कियों के साथ फ्लर्ट कर रहे थे। मिथुन का यह अंदाज मृणाल को पसंद आया और दो साल बाद उन्होंने अपनी इस फिल्म के लिए मिथुन को कास्ट किया। मिथुन ने इस फिल्म में एक असाधारण तीरंदाज घिनुआ का किरदार निभाया है जो अंग्रेजों से एक बड़े खेल के लिए शर्त लगाता है। हालांकि जीतने के बावजूद भी अंग्रेज उसे अपनी फितरत के अनुसार दंडित करते हैं। इस बंगाली फिल्म में शानदार अभिनय के लिए मिथुन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया।
किरदार : गन मास्टर जी-9
फिल्म : सुरक्षा (1979)
इस फिल्म के साथ मिथुन चक्रवर्ती ने अपने आपको भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक कमर्शियल हीरो के रूप में स्थापित किया। इस छोटे बजट की जासूसी वाली थ्रिलर फिल्म को रविकांत नागाइच ने निर्देशित किया है। इस फिल्म के बाद ही मिथुन चक्रवर्ती के आगे पीछे भारतीय सिनेमा के जाने-माने फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों की लाइन लग गई। इस फिल्म में मिथुन सीबीआई के एक अफसर गोपी की भूमिका में नजर आए हैं जिसका निकनेम होता है गन मास्टर जी-9। गन मास्टर जी-9 अपनी बुद्धि और विवेक के साथ काम करते हुए भारत में फैले आतंकवाद का सफाया करने का काम करता है। रविकांत नागायच ने इस फिल्म का 'वारदात' नाम से एक सीक्वल भी बनाया।
किरदार : भीमा
फिल्म : हम पांच (1980)
इस फिल्म का निर्देशन मिथुन चक्रवर्ती के पसंदीदा निर्देशक बापू ने किया है। यह फिल्म बोनी कपूर के निर्माण में बनी पहली फिल्म है। इस फिल्म में अनिल कपूर में भी एक कैमियो अपीयरेंस किया है। फिल्म के नाम के हिसाब से यह फिल्म महाभारत की कहानी से मिलती-जुलती ही है। इस फिल्म में भी पांडवों की तरह पांच भाइयों की लड़ाई आज के समय के कुछ कौरवों से होती है। जैसा की ज्ञात है कि सारे कौरवों का खात्मा भीम ने ही किया था इसलिए इस फिल्म में भीमा के किरदार में नजर आए हैं मिथुन चक्रवर्ती। यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा पैसे कमाने वाली फिल्मों में छठे स्थान पर रही। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के साथ संजीव कुमार, शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह, राज बब्बर, गुलशन ग्रोवर और अमरीश पुरी मुख्य भूमिका में नजर आए।
किरदार : जिम्मी/अनिल
फिल्म : डिस्को डांसर (1982)
इस फिल्म से मिथुन चक्रवर्ती को सुपरस्टारडम मिला। उन्हें रातों रात भारत में तो लोग जानने ही लगे थे, साथ ही उन्होंने इस फिल्म से रूस तक अपनी गहरी पहचान बना ली थी। इस फिल्म के बाद वह एक डांसिंग स्टार के रूप में इस इंडस्ट्री में स्थापित हो गए थे। इस फिल्म के निर्देशक रहे बब्बर सुभाष के साथ मिथुन चक्रवर्ती ने कसम पैदा करने वाले की, डांस डांस और कमांडो जैसी भी सफल फिल्मों में काम किया। इस फिल्म की कहानी एक ऐसे गरीब लड़के की है जो बॉम्बे के स्लम इलाकों से उठकर पहले गलियों में अपनी प्रस्तुति देता है और फिर उसके बाद फर्श से अर्श तक का रास्ता तय करता है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के साथ किम, राजेश खन्ना, ओमपुरी, गीता सिद्धार्थ और ओम शिवपुरी मुख्य भूमिकाओं में हैं।
किरदार : शंकर धर्मा
फिल्म : बॉक्सर (1984)
राज एन सिप्पी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती एक बॉक्सर के रूप में नजर आए हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती ने एक ऐसे बॉक्सर का किरदार निभाया है जो छह महीने जेल में बिताने के बाद बॉक्सिंग सीखता है और जुनून में आकर उस समय के बॉक्सिंग चैंपियन रहे रघुराज को चुनौती देता है। फिल्म में मिथुन के पिता का किरदार निभाने वाले डैनी डेंजोंगपा भी एक बॉक्सर रह चुके थे और वह भी रघुराज से हार चुके थे। फिल्म में कमाल की बात तो यह रही है कि डैनी और मिथुन लगभग एक ही उम्र के हैं फिर भी डैनी ने उनके पिता का किरदार निभाया है। मिथुन चक्रवर्ती और डैनी डेंजोंगप्पा के साथ फिल्म में रति अग्निहोत्री, शरद सक्सेना, परीक्षित साहनी और तनुजा मुख्य भूमिकाओं में हैं।
किरदार : जावर प्रताप
फिल्म : गुलामी (1985)
जेपी दत्ता को देशभक्ति पर आधारित वॉर ड्रामा फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने इस फिल्म के साथ ही अपने निर्देशन में करियर की शुरुआत की है। जेपी इससे पहले भी एक फिल्म सरहद नाम से बना चुके थे जो रिलीज नहीं हो सकी। फिल्म में कुछ किसान जमीदारों से बगावत करके डकैत बन जाते हैं और फिर वह अपनी बेज्जती और शोषण का बदला उन जमींदारों को मार कर लेते हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती एक सेना के जवान की भूमिका में नजर आए हैं जो सेना की नौकरी से छुट्टी लेकर अपने घर आता है। बाद में वह अपने परिजनों के साथ मिलकर उन सभी जमीदारों का विनाश करता है जो उसके गांव में आतंक फैलाते हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती की स्टाइल में बोला गया संवाद "कोई शक" आज भी बहुत प्रचलित है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के साथ धर्मेंद्र, नसीरुद्दीन शाह, रीना रॉय, स्मिता पाटिल, अनीता राज, कुलभूषण खरबंदा और रजा मुराद मुख्य भूमिकाओं में नजर आए।
किरदार : राजा भैया
फिल्म : प्रेम प्रतिज्ञा (1989)
मिथुन चक्रवर्ती के पसंदीदा निर्देशक बापू के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के साथ नजर आए। 1987 में माधुरी दीक्षित ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ एक साथ तीन फिल्में साइन कर ली थीं जिनमें से 'प्रेम प्रतिज्ञा' भी एक रही। इसके अलावा 'इलाका' और 'मुजरिम' यह दोनों फिल्में भी 'प्रेम प्रतिज्ञा' के साथ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करने में कामयाब रहीं। इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और माधुरी दीक्षित की जोड़ी लोगों को खूब पसंद आई। मिथुन ने राजा भैया का किरदार निभाया है जो अपने दोस्त के साथ काम की तलाश में शहर जाता है। जब उसे कोई काम नहीं मिलता तो वह वहां के लोकल गुंडे को पीठ पाटकर वहां का खुद दादा बन जाता है।
किरदार : कृष्णन अय्यर एमए
फिल्म : अग्निपथ (1990)
यश जौहर के निर्माण में बनी इस फिल्म को वैसे अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्मों में से एक माना जाता है लेकिन इस फिल्म के लिए मिथुन चक्रवर्ती ने भी सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार की भूमिका निभाकर फिल्म फेयर पुरस्कार जीता है। फिल्म में मिथुन का किरदार बहुत ही अनोखा था। जब मिथुन एक संघर्षशील कलाकार थे, उस समय वह देवियो नाम के एक शख्स के साथ एक कमरे में रहते थे। उस कमरे में देवियो बिस्तर पर सोता था जबकि मिथुन जमीन पर सोया करते थे। मिथुन का यह किरदार देवियो से ही प्रेरित है। यश जौहर के बेटे करण जौहर ने वर्ष 2012 में जब इस फिल्म का रीमेक बनाया तब उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के किरदार कृष्णन को निकालकर ऋषि कपूर के किरदार राउफ लाला को जोड़ दिया था। हालांकि, फिर भी यह फिल्म देखी गई तो सिर्फ कांचा चीना के लिए।
किरदार : शिबनाथ
फिल्म : तहादेर कथा (1992)
मिथुन चक्रवर्ती की यह बंगाली भाषा की एक पीरियड ड्रामा फिल्म है जिसमें शानदार भूमिका निभाकर मिथुन ने सर्वश्रेष्ठ कलाकार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को जीता। बुद्धदेव दासगुप्ता के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती ने एक फ्रीडम फाइटर की भूमिका निभाई है जो भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए अपने अंतिम समय तक लड़ता रहा। इसी बीच शिबनाथ के हाथों एक ब्रिटिश अफसर की हत्या हो जाती है जिसके लिए शिबनाथ को 11 वर्ष की सजा सुनाई जाती है। शिबनाथ जब जेल से बाहर निकलता है तब पूरी दुनिया ही बदल चुकी होती है क्योंकि देश दो हिस्सों में टूट चुका होता है। बंटवारे के बाद शिबनाथ को किन परेशानियों से जूझना पड़ता है।
किरदार : रामकृष्ण परमहंस
फिल्म : स्वामी विवेकानंद (1998)
जी वी अय्यर के निर्देशन में बनी इस बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती स्वामी विवेकानंद के गुरु रामाकृष्ण के किरदार में नजर आए। फिल्म के रिलीज होने के कुछ ही समय बाद इसे राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर भी प्रसारित कर दिया गया था। हालांकि, मिथुन चक्रवर्ती की सराहना चारों दिशाओं में की गई और इस फिल्म के लिए मिथुन चक्रवर्ती ने सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के रूप में अपने करियर का तीसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।