सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Avoid Oral Health : ‘ओरल हेल्थ’ से करे कोरोना से बचाव

‘ओरल हेल्थ’ से करे कोरोना से बचाव
‘ओरल हेल्थ’ से करे कोरोना से बचाव


Avoid Oral Health : ‘ओरल हेल्थ’ से करे कोरोना से बचाव Corona and dental health, corona virus effect on health, how safe to visit dentist in corona pandemic, Oral Health and Coronavirus, कोरोना वायरस और दांतों का इलाज



‘ओरल हेल्थ’ से करे कोरोना से बचाव
जरूरत है इस बात की होती है कि कोरोना से बचाव में हाथ के साथ ही साथ मुंह और दांतों की सफाई भी सही तरह से की जाये.
शैलेंद्र सिंह





कोरोना एक गंभीर रोग है. जो सांस के जरीये शरीर को सबसे अधिक प्रभावित करता है. इसके लक्षण फ्लू जैसे होते है. इसका वायरस नाक, मुंह और आंख के जरीये शरीर में प्रवेश करता है. ऐसे में यह जरूरत है इस बात की होती है कि कोरोना से बचाव में हाथ के साथ ही साथ मुंह और दांतों की सफाई भी सही तरह से की जाये.


इस संबंध में दांत रोगों की विषेशज्ञ डाक्टर दीप्ति भल्ला से बात हुई. डाक्टर दीप्ति भल्ला लखनऊ में ‘टूथ एंड इंप्लांट’ क्लीनिक चलाती है. वह कहती है कोरोना संक्रमण के दौर में अपनी ओरल हेल्थ का ध्यान रखे. ओरल हेल्थ में टूथ ब्रश, जीभ, दांतों की सफाई के साथ ही साथ अपने खानपान का भी ध्यान रखना होगा.




टूथ ब्रश केयर:

टूथ ब्रश का प्रयोग करने के बाद उस पर थूक, खून और कीटाणु या जीवाणु लगे रह सकते है. कोरोना वायरस ठोस सतहों पर तीन दिनों तक रह सकता है. ऐसे में यह कोरोना संक्रमण का एक कारण हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि ब्रश को रोज सही तरह से साफ किया जाये. इसके लिये ब्रश करने के बाद ब्रश को गरम पानी से कुछ देर तक यही तरह से साफ करे. 5 से 10 मिनट तक ब्रश को गरम पानी में डूबा कर रखे. ब्रश करने से पहले भी ब्रश को सही तरह से धो कर प्रयोग करे. मुलायम ब्रश का प्रयोग करे. दांतों को रगड़े नहीं हल्के हाथों से साफ करे और मसूढ़ों की मालिश करे. किसी और का टूथ ब्रश कभी भी प्रयोग ना करे. ब्रश को सीधा खड़ा करके रखे जिससे इसमें हवा लगती रहे और यह सूखा रहे. समय समय पर टूथ ब्रश बदलते रहे. कोरोना संक्रमण के दौर में टूथ ब्रश की केयर बेहद जरूरी हो जाती है.

जीभ की सफाई:


मुंह की सफाई में जीभ की सफाई का बेहद महत्व होता है. इसके लिये आजकल टूथ ब्रश के ही पिछले हिस्से में दानेदार बना होता है. उससे जीभ को हल्के से रगड कर साफ करे. जीभ को साफ करने के लिये टंग क्लीनर भी आता है. यह प्लास्टिक, तांबे और स्टील की बनी बाजार में आती है. गंदी जीभ में वैक्टेरिया पैदा होते है जो दांतों में सड़न और कैविटी पैदा करती है. गंदी जीभ पर एक सफेद परत सी दिखाई देती है. जब जीभ साफ होती है तो जीभ गुलाबी और स्वस्थ्य दिखती है. साफ जीभ मुंह की दुर्गध को भी कम करती है. जीभ साफ होने से खाने का सही स्वाद मिलता है. यह स्वाद लेने की प्रक्रिया को बढाने का काम करती है. जीभ के साफ रहने से लार ज्यादा बनती है जो खाने को पचाने के काम आती है.

 

पानी है नैचुरल माउथवॉश:

पानी नैचुरल माउथ वाश है. सही मात्रा में पानी पीने से दांत और मुंह की सफाई होने के साथ ही साथ चाय कौफी और खाने पीने की चीजों के दाग नहीं पडते है. एंटीसेप्टिक माउथ वाश से मुंह की सफाई काफी असरदार होती है. इससे गरारे करे. यह करोना से बचाव में असरदार होता है. खाने पीने की चीजों का भी मुंह की साफ सफाई में असर होता है. खाने में सब्जी और फल का प्रयोग करे. इससे कई तरह के एंजाइम बनते है. जो दांतो को नैचुरल तरह से साफ करता है. विटामिन सी का प्रयोग भी दांतों और मुंह की हेल्थ के लिये ठीक रहता है.

ORAL HEALTH

दांतो की सफाई के लिये डेंटल फ्लॉस का प्रयोग करे. यह दांतों के बीच में सफाई करती है. इससे मसूढ़ों और दांतों में सड़न और सूजन पैदा नहीं होती है. फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग करे. शराब और तंबाकू के सेवन से बचे. बिना डाक्टर की सलाह के किसी तरह की दवा का प्रयोग ना करे.

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...