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जीवन को जानने के लिए खुद को जानना पड़ेगा

लियो टॉलस्टॉय विख्यात लेखक , दार्शनिक
लियो टॉलस्टॉय विख्यात लेखक , दार्शनिक


मुखड़ा क्या देखे दर्पज में
जो लोग पूरे मन से और समर्पित होकर प्रेम करते हैं , उन्हीं को सबसे अधिक दुखों का सामना करना पड़ता है । लेकिन प्रेम में समर्पण की विशेषता ही उन्हें दुखों से उबार ले जाती है ।

लियो टॉलस्टॉय विख्यात लेखक , दार्शनिक



 जीवन को जानने के लिए खुद को जानना पड़ेगा । बिना यह जाने , कि मैं क्या हूँ और क्यों हूँ , जीवन को जान पाना असंभव है । हर आदमी दुनिया को बदल देने की बात करता है । लेकिन बुद को बदलने के बारे में कोई नहीं सोचता । जबकि हर मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह खुद को बेहतर बनाए । महानता की परिभाषा अलग - अलग हो सकती है , लेकिन सरलता , अच्छाई और सच के बगैर कोई आदमी महान नहीं हो सकता । सरलता तो जीवन में बहुत ही आवश्यक है । मजबूत इच्छाशक्ति वाले लोग हमेशा सरल होते हैं ।




हम जिस शिक्षा की बात करते हैं , उसका एकमात्र उद्देश्य स्वतंत्रता है , और इस शिक्षा को हासिल करने का एकमात्र तरीका अनुभव है । जीवन का एकमात्र उद्देश्य मनुष्यता की सेवा है । अगर आप पूर्णता की तलाश करते हैं , तो कभी सुखी नहीं हो सकते । हम सिर्फ यही जान सकते हैं कि हम कुछ नहीं जानते , और यही मानव ज्ञान की उच्चतम डिग्री है । ईश्वर के नाम पर एक क्षण रुको , अपना काम बंद करो और अपने आसपास देखो । समय और धैर्य मनुष्य के दो ताकतवर सैनिक हैं । बुरा होना उतना बुरा नहीं है , जितना बुरा झूठ बोलना और धोखा देना है । झूठे और धोखेबाज दुनिया के सबसे निकृष्टतम लोगों में से हैं ।





जिस दुनिया में हम रहते हैं , उसमें अक्सर बुरे लोगों के पक्ष में बहुमत होता है । लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि बहुमत होने से बुरा आदमी अच्छा हो जाता है । जिस तरह सोने का पता दूसरे तमाम धातुओं को अलग करने पर चलता है , वैसे ही झूठ को अलग करने पर सच उद्घाटित होता है । हमारे जीवन की तमाम विविधताएं , तमाम आकर्षण और तमाम खूबसूरती प्रकाश और छाया से बनी हैं । जो लोग पूरे मन से और समर्पित होकर प्रेम करते हैं , उन्हीं को सबसे अधिक दुखों का सामना करना पड़ता है । लेकिन प्रेम में समर्पण की विशेषता ही उन्हें दुखों से उबार ले जाती है । अगर हम एक दूसरे को क्षमा करना सीख पाएं , तभी हम शांति में रह सकते हैं । सार्थक चिंतन के लिए जीवन में शाकाहार को अपनाना जरूरी है ।





पशुओं को भोजन के लिए मारे बगैर भी मनुष्य जी सकता है और स्वस्थ रह सकता है । इसलिए मांसाहार करने का मतलब सिर्फ मुंह के स्वाद के लिए मनुष्य का पशु बन जाना है । जब तक इस दुनिया में कसाईखाने होंगे , तब तक युद्धक्षेत्र भी होंगे । खुश रहने की पहली शर्त यह है कि मनुष्य और प्रकृति के बीच जो संपर्क है , उसे न तोड़ा जाए । खुशी तभी वास्तविक हो सकती है , जब लोग अपने जीवन का उद्देश्य दूसरों की सेवा मानें और खुद को तथा अपनी खुशी को सबसे कम महत्व दें । खुशी और प्रेम के किसी भी अवसर को बेकार न जाने दें , तो लोग आपसे प्रेम करेंगे । यही इस दुनिया की एकमात्र वास्तविकता है , बाकी तमाम चीजें धोखा हैं ।







प्रेम इस दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है । जब तक हम प्रेम नहीं करते , तब तक वस्तुतः हम नींद में होते हैं । जब खुशी गायब हो जाए , तो अपनी गलती ढूंढना बुद्धिमानी है । कला कोई प्रदर्शन करने की चीज नहीं है , यह दरअसल कलाकार के अनुभव का खुद एहसास करने का नाम है । जीवन में हार और जीत वस्तुतः मनोवैज्ञानिक स्थितियां हैं । अक्सर हम इसलिए हारते हैं , क्योंकि हम हार मान चुके होते हैं । हर हिंसा की शुरुआत कुछ लोगों द्वारा दूसरे लोगों पर दबाव डालने या खामियाजा भुगतने या मार डालने की धमकियों से होती है । जो देश जितना बड़ा होता है , उसकी देशभक्ति उतनी ही गलत और निर्मम होती है ।

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