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युवा शायर सिराज फ़ैसल ख़ान के बेहतरीन शेर Best Shayari Collection Siraj Faisal Khan Poetry

 

युवा शायर सिराज फ़ैसल ख़ान के बेहतरीन शेर Best Shayari Collection Siraj Faisal Khan Poetry
Best Shayari Collection Siraj Faisal Khan Poetry

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वो कभी आग़ाज़ कर सकते नहीं
ख़ौफ़ लगता है जिन्हें अंजाम से

वो एक शख़्स जो दिखने में ठीक-ठाक सा था
बिछड़ रहा था तो लगने लगा हसीन बहुत

जैसे देखा हो आख़िरी सपना
रात इतनी उदास थीं आँखें 


शायद अगली इक कोशिश तक़दीर बदल दे
ज़हर तो जब जी चाहे खाया जा सकता है

जब से हासिल हुआ है वो मुझ को
ख़्वाब आने लगे बिछड़ने के 


बिछड़ जाएँगे हम दोनों ज़मीं पर
ये उस ने आसमाँ पर लिख दिया है

मैं अच्छा हूँ तभी अपना रही हो
कोई मुझ से भी अच्छा मिल गया तो

मैं कहकशाओं में ख़ुशियाँ तलाशने निकला
मिरे सितारे मेरा चाँद सब उदास रहे 


हमें रंजिश नहीं दरिया से कोई
सलामत गर रहे सहरा हमारा

हाथ छूटा तो तीरगी में था
साथ छूटा तो बुझ गईं आँखें 


उस के दिल की आग ठंडी पड़ गई
मुझ को शोहरत मिल गई इल्ज़ाम से

चाँद बैठा हुआ है पहलू में
क़तरा क़तरा पिघल रहा हूँ मैं
 


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