Kahani Hindi दुख के बिना सुख का कोई मोल नहीं |
मनुष्य का जीवनू खुश रहने के लिए है । हमेशा और पूरी तरह खुश रहने वाला आदमी ही यह दावा कर सकता है कि उसने पृथ्वी पर आकर ईश्वर की इच्छा पूरी की है ।
एंतोन चेखव विख्यात रुसी लेखक
चुप्पी का महत्व बोलने से कहीं अधिक है । खुशहाल आदमी हमेशा निश्चित रहता है , क्योंकि उसकी चुप्पी उसकी नाखुशी का बोझ सहजता से उठा लेती है । चुप्पी के बगैर प्रसन्नता असंभव है ।
हालांकि प्रसन्नता अपने आप में कोई अलग मनोभाव नहीं है । उदासी के बगैर प्रसन्नता का कोई मोल ही नहीं है । मूर्खतापूर्ण चीजों का भी अपना महत्व है । हमारे अनुशासित और नपे - तुले जीवन में मूर्खता कई बार संजीवनी शक्ति का काम करती है । हमें किसी की तकलीफ के बारे में पता चले और हम उसकी वह तकलीफ दूर करने में सक्षम न हों , तो उससे बड़ा दुख और दूसरा नहीं है ।
कलाकार का काम सवाल पूछना है , जवाब देना नहीं । ऐसे ही एक लेखक का काम समस्या का समाधान करना नहीं , बल्कि समस्या को सही तरीके से सामने रखना है । जीवन का महत्व कला से अधिक है । अगर आप अपनी कला पर काम करना चाहते हैं , तो सबसे पहले अपने जीवन पर काम करें । वे गलत कहते हैं कि दार्शनिक और ज्ञानियों में कोई अंतर नहीं होता ।
दो लोगों के विचारों में अंतर न होना वस्तुतः आत्मा के लकवा मार जाने जैसी स्थिति है , यह समय से पहले होने वाली मृत्यु है । ज्ञान उम्र से नहीं , बल्कि हमारी शिक्षा और सीखने के अभ्यास से प्राप्त होता है । मनुष्य में संभवतः सैकड़ों तरह की समझदारी होती है , लेकिन मरने के समय इनमें से सिर्फ पांच ही मरती हैं , जबकि शेष मनुष्य के मृत्यु के बाद भी जीवित रहती हैं । ठीक वैसे ही , जैसे पेड़ के सूखकर गिर जाने के बावजूद इस पृथ्वी पर उसका अस्तित्व खत्म नहीं होता । धरती पर सूखकर गिरे बूढ़े ढूंठ काट दिए गए हरे पेड़ों से बेहतर होते हैं । घरों में निर्जीव फर्नीचर में तब्दील हो जाना जीवंत पेड़ों में आने वाला सबसे बदसूरत बदलाव होता है ।
यह दुनिया कोई रहस्यमय चीज नहीं है , यह वैसी ही है , जैसी हम इसके बारे में सोचते हैं । एकाकीपन से डरने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी शादी नहीं करनी चाहिए । मनुष्य कितना भी व्यथित क्यों न हो , उसे निराशा से बचना चाहिए । चरम अशांति के बाद भी हमारे जीवन में शांति आएगी , हम फिर देवदूतों की आवाज सुनेंगे , और फिर हमें हीरों से जगमग आसमान दिखाई देगा । मानवीय रिश्तों में ज्यादा गंभीरता और दयालुता होनी चाहिए तथा संवादों में ज्यादा चुप्पी और सरलता होनी चाहिए । बेहतर जीवन जीने का सहज नुस्खा यह है कि जब गुस्से में हैं , सिर्फ तभी शालीनता की सीमा लांचें , कुछ मनोरंजक होने पर ही हंसें और जब कुछ पूछा जाए , सिर्फ तभी जवाब दें । चुप्पी का महत्व बोलने से कहीं अधिक है ।
खुशहाल आदमी हमेशा निश्चिंत रहता है , क्योंकि उसकी चुप्पी उसकी नाखुशी का बोझ सहजता से उठा लेती है । चुप्पी के बगैर प्रसन्नता असंभव है । हमारे जीवन में प्रेम से बड़ा रिश्ता और कुछ नहीं है । प्रेम से डरने वाले वस्तुतः जीवन से डरते हैं और जीवन से डरने वाले लोग आधा मर चुके हैं । प्रेम में होने पर ही हम संतुलित व्यवहार करते हैं । वास्तविक प्रेमियों का व्यवहार अनुकरण करने लायक होता है । बड़ा संकट तो एक मूर्ख आदमी भी झेल जाता है , दैनंदिन जीवन की समस्याओं को झेलना उससे कहीं ज्यादा मुश्किल होता है ।
जब एक बीमारी के निदान के लिए कई उपचार सुझाए जाते हैं , तब उसका अर्थ यह होता है कि वह बीमारी कभी खत्म होने वाली नहीं है ।