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इम्तिहाँ शायरी | Imtihaan Shayari Imtihaan Sher Collection | Hindi Shayarih

 

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Imtihaan Sher Collection

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ये मरहला भी किसी इम्तिहां से कम तो नहीं

वो शख़्स मुझ पे बहुत एतिबार करता है

- मुईन शादाब


राह में उस की चलें और इम्तिहां कोई न हो

कैसे मुमकिन है कि आतिश हो धुआं कोई न हो

- फ़य्याज़ फ़ारुक़ी



न मिट सका न मिटेगा कभी निशां मेरा

लिया अजल ने कई बार इम्तिहाँ मेरा

- जिगर बरेलवी






ज़िंदगी इक इम्तिहां है इम्तिहां का डर नहीं

हम अंधेरों से गुज़र कर रौशनी कहलाएंगे

- सरदार अंजुम



अभी ज़िंदा हैं हम पर ख़त्म कर ले इम्तिहां सारे

हमारे बाद कोई इम्तिहां कोई नहीं देगा

- ज़फ़र गोरखपुरी


वो मेरी फ़हम का लेता है इम्तिहां शायद

कि हर सवाल से पहले जवाब मांगे है

- करामत अली करामत


Imtihaan Sher Collection


हमारा इम्तिहां करते हो लेकिन

तुम्हारा भी इसी में इम्तिहां है

- मोहम्मद बे-नज़ीर शाह


वफ़ा निगाह की तालिब है इम्तिहां की नहीं

वो मेरी रूह में झांके न आज़माए मुझे

- आरिफ़ अब्दुल मतीन




 इम्तिहाँ शायरी




ज़िंदगी गुल है नग़्मा है महताब है

ज़िंदगी को फ़क़त इम्तिहां मत समझ

- मोहसिन भोपाली



सितारों से आगे जहां और भी हैं

अभी इश्क़ के इम्तिहां और भी हैं

- अल्लामा इक़बाल



इश्क का इम्तेहान शायरी फॉर लवर्स 

 


हर मुश्किल बदल जाती है आसानी की सूरत में,

अगर दिल आजमाइश के लिये तैयार हो जाये


 


वो मेरा पलके बिछा कर तकना और तेरा ना आना,


इम्तिहान है इश्क का हिज़्र का हद से गुज़र जाना


 


उफ्फ!! ये इश्क ये मोहब्बत ये दीवानापन मेरा ,


उसपे ये हुस्न ये जलवा ये लड़कपन तेरा ,


बदहवासी में है ईमान मेरा और इम्तिहान तेरा ,


कुसूर गर मेरा ही है तो दिल भी है बेईमान तेरा।


 


ख़ुदा ले शौक से तू इम्तिहान मेरा मग़र,


मैं  वो  नहीं जो  तेरा  इम्तिहाँ  दे  पाऊँ !!


 


मैंने क्या बिगाड़ा है ऐ इश्क तेरा


जो इम्तिहान ले रहा है मेरा


 


ज़िन्दगी इम्तिहान लेना  गर शौक है तेरा तो


तेरे हर इम्तिहान में अव्वल आना जूनून है मेरा


 


इम्तिहान आज मेरा कुछ बेहिसाब होगा


मिलकर उसको मेरा इकरार होगा……..!!


ज़माने से दूर ऐ सनम तेरा इतजार होगा


तेरी एक मुलाक़ात का असर  कुछ खास होगा………!!


 


ले इम्तिहान जिससे हो दिल मुतमइन तेरा..


  बाद उसके इलाज हो मुस्तकिल मेरा….






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मुझ-सा होगा न कोई भी आशिक तेरा


सौ-सौ बार तू ले इम्तिहान मेरा


दिल के मंदिर में मैं, करूं पूजा तेरी


मैं दीवाना तेरा, तू है दीवानगी


 


वो सज़दा ही क्या जिसमे सर उठाने का होश रहे?


इज़हारे इश्क़ का इम्तिहान तो अब हो रहा जब आप खामोश हैं और हम बेचैन..


 


 


इश्क का सबसे बड़ा…इम्तिहान


इश्क से बाहरनिकलना है।


 


मेरे इश्क़ को एक बार आजमा करके तो देखो


कभी हद से ज्यादा इश्क़ मुझसे करके तो देखो


कभी मेरे इश्क़ का मजाक यूँ न बनाना


चाहो तो मेरे इश्क़ का इम्तिहान लेकर तो देखो


 


इन्तहां हो गाई है इश्क का इम्तिहान देने मे…!


पर इत्मीनान बहुत है इश्क का इल्जाम लेने मे..!!


 


रूह घायल ,लबों पे मुस्कान


यही तो है इश्क़ का इम्तिहान….


 


हर बात पे मेरे इश्क़ का इम्तिहान लेते हो,


सच बताओ तुम हमें प्यार करते हो या नही…..


 


इश्क़ है तो ड़र कैसा


टूटना बिखरने का गम कैसा


कमबख़्त_इश्क़ होता ही ऐसा


बस बिखरकर संभलना ही


इश्क़ का इम्तिहान समझना


जो जीत गया ये, बाजी


इश्क़ भी हो गया उसपे राजी


 


इस “इश्क” का इम्तिहान​,अभी “बाकी” है!


दर्दे “दिल” का “हिसाब” अभी “बाकी” है!


जनाब ये तो “बेपनाह” मोहब्बत भरे दिल की बात है!


अभी तो “मन”का भी , जार-जार होना बाकी है!!


 


मेरे इश्क का इम्तिहान मत ले ऐ दोस्त


हम वो हैं जो अपना वजुद मिटा देते हैं


पर प्यार नहीं बदलते !!




 


अब और मेरे इश्क का इम्तिहान न लीजिए।


दिल तो ले ही चुके हैँ अब जान न लीजिए..!


 


मेरे इल्म-ए-इश्क़ का इम्तिहान लेने से पहले


अपने इश्क़ का थोड़ा सा निसाब तो दिया होता


गर फिर भी कामयाब न होता उसमे जरा सा भी


जाके कहीं तब मेरी नाकामी का हिसाब किया होता


 


इश्क का इम्तिहान आसान नहीं,


किसी का प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं,


किसी के इंतज़ार में मुद्दतें बीत जाती है,


यह कोई पल दो पल का काम नहीं।


 


रात भर कुछ ऐसे ही याद करती रही मैं तुम्हें;


 जैसे सुबह मेरे इश्क़ का इम्तिहान हो…!!


 


माना कि ये दूरियां मेरे इश्क़ का इम्तिहान ले रही हैं


हौसला है कि दरिया-ए अश्क को तैर पार उतरूंगा ||


 


इश्क का बाकी इम्तिहान आज भी है


दिल पर तेरा निशान आज भी है


तुम तो सब भूल गए जाके किसी दुनिया में


तेरे लिए कोई परेशान आज भी है


 


मुहब्बत का उनके ,अंदाजे बयां कैसे करे..


इश्क के इम्तिहान का ,इजहारे बयां कैसे करे…


 


रोज ही लेता है मेरी खुद्दारी का इम्तिहान


ज़िन्दगी का सबसे मुश्किल पर्चा है इश्क ………..


 


ए तुफान तु ले ले मेरा इम्तिहान


यहीं डटा हूं यहीं डटा रहूंगा;


आजमा ले तु अपनी ताकत जी भर के;


तेरा हौंसला मैं झुका के रहूँगा।


 


क़दम क़दम पे वही चश्म ओ लब वही गेसू

तमाम उम्र नज़र इम्तिहान में रहती है

– अहमद मुश्ताक़


नतीजा एक सा निकला दिमाग़ और दिल का

कि दोनों हार गए इम्तिहान में दुनिया के

– एजाज़ गुल


दिल ग़म से जल रहा है जले पर धुआँ न हो

मुमकिन है इसके बाद कोई इम्तिहान न हो


इम्तिहान और मेरी ज़ब्त का तुम क्या लोगे,

मैं ने धड़कन को भी सीने में छुपा रखा है !! -क़तील शिफ़ाई


कहते हैं आज़माइश-ए-इश्क़ है यही, कि जाते हुए,

ऐ निगाह-ए-यार, फिर पलट के इक बार देखना !!


आज़माइश की घड़ी से गुज़र आए तो ज़िया

जश्न ए ग़म जारी हुआ आँखों में आँसू आए

– ज़िया जालंधरी


मेरा कहना हर्फ़-ए-आख़िर भी नहीं

मेरी मानो आज़माइश तो करो

#फ़ारूक़नाज़की


आज़माइश वक़्त ने की

सब यक़ीं टूटे पड़े थे


जाँ देनी है मेरी आज़माइश

दिलदारी है इम्तिहान तुम्हारा

#क़लक़मेरठी


तिरे साथ चलने की आदत नहीं

हमारी न कर आज़माइश हवा

#ख़ालिदमहमूद


‘सबा’ है आज़माइश का तसलसुल

कि दरियाओं पे दरिया पार करना

#सबिहासबा


मुक़ाबिल आएँगे हर बार ताज़ा हौसला ले कर

तुझे हम आज़माइश में सितम-ईजाद रक्खेंगे



गुज़री है आज़माइश-ए-महर-ओ-वफ़ा में उम्र

फ़ुर्सत मुझे मिली न कभी इम्तिहान से

#दाग़


हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है

चमन में ख़ुश-नवायान-ए-चमन की आज़माइश है

Ghalib


दिए के और हवाओं के मरासिम खुल नहीं पाते

नहीं खुलता कि इनमें से ये किस की आज़माइश है


हर मुश्किल बदल जाती है आसानी की सूरत में,

अगर दिल आजमाइश के लिये तैयार हो जाये

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