सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Easy Way to Make 'Stuffed' Masala Idli Recipe स्टफ्ड मसाला इडली बनाने का आसान तरीका - Hindishayarih

'Stuffed' Masala Idli Recipe स्टफ्ड मसाला इडली बनाने का आसान तरीका

 
स्टफ्ड मसाला इडली बनाने का आसान तरीका

idli recipe rava कम समय में इस आसान तरीके से बनाएं मसाला इडली.  idli recipe with rava tava idli recipe rava idli recipe idli recipe rava rawa idli recipe, idli recipe sambar, sambar for idli recipe, sambar idli recipe, idli recipe hindi,




idli recipe in hindi
इडली वैसे तो साउथ इंडियन डिश है लेकिन पूरे भारत में लोग इसे पूरे चाव से खाते हैं. इडली लगभग देश और विदेशों में रहने वाले भारतीय लोगों को पसंद आता है. आइए जानत हैं इंडली बनाने का तरीका.

idli recipe सामग्री−

400 ग्राम इडली बैटर

चार उबले आलू

आठ से दस करीपत्ता

दो हरी मिर्च बारीक कटी

एक प्याज कटा हुआ



 



हरा धनिया कटा हुआ

एक छोटा चम्मच अदरक लहसुन पेस्ट

दो टेबलस्पून कुकिंग ऑयल

हल्दी पाउडर

नमक स्वादानुसार



ये भी पढ़ें- घर पर आसानी से ऐसे बनाएं वेज बर्गर


Idli recipe विधि

स्टफ्ड मसाला इडली बनाने के लिए सबसे पहले आलू को मैश करके या फिर कद्दूकस करें. इसके बाद एक पैन गर्म करें और उसमें ऑयल डालें. जब ऑयल गर्म हो जाए तो इसमें करीपत्ता डालें. इसके बाद इसमें प्याज डालकर दो मिनट के लिए फ्राई करें. अदरक−लहसुन पेस्ट डालकर मिक्स करें. अब इसमें हल्दी व नमक डालकर मिलाएं. आखिरी में इसमें कद्दूकस किए हुए आलू डालकर  लो फलेम पर करीबन एक मिनट के लिए पकाएं. लास्ट में कट्टा हुआ धनिया पत्ता मिलाएं.

ये भी पढ़ें- कद्दू का रायता

इसके बाद आप इडली पॉट लें और उसमें एक गिलास पानी डालकर इडली पॉट को कवर करें. पानी को हाई फ्लेम पर गर्म होने दें. वहीं दूसरी ओर, इडली बैटर में थोड़ा सा नमक डालकर मिक्स करें. अब हाथों पर हल्का सा ऑयल लगाएं और थोड़ा सा आलू का मिश्रण लेकर छोटी−छोटी टिक्की बनाएं. इसी तरह सारे मिश्रण की टिक्की तैयार कर लें.

अब इडली टे लेकर उसमें थोड़ा सा ऑयल लगाकर उसे चिकना कर लें. इसके बाद हर खांचे में थोड़ा−थोड़ा इडली का बैटर डालें. इसके ऊपर तैयार टिक्की डालें और फिर ऊपर से थोड़ा सा बैटर और डालें. इसी तरह सारे खांचों में बैटर और टिक्की डालें. इडली पॉट गर्म होने दें.

गाकर मीडियम फ्लेम पर करीबन 15 मिनट के लिए इडली को पकने दें. आखिरी में गैस बंद करें और इडली के खांचे को थोड़ा ठंडा होने दें. चाकू की मदद से चेक करें अगर इडली बन गई है तो उसे सर्व करें. .


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...