सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

5 स्नैक्स जो आपके बेल्ली फेट को बढ़ाते हाउ तो कट बेल्ली फैट | Hindishayarih

 

5 स्नैक्स जो आपके बेल्ली फेट को बढ़ाते  हाउ तो कट बेल्ली फैट
belly fat in Hindi

 

how to lose belly fat in hindi 5 snacks that increase your belly fat  आयुर्वेदिक टिप्स फॉर वेट लॉस, फैट लॉस टिप्स फॉर फीमेल, पेट कम करने के लिए क्या खाना चाहिए, वजन कम करने वाले आहार


 वज़न बढ़ने की सबसे बड़ी वजह होते हैं स्नैक्स। केक की एक बाइट या फिर थोड़े से चिप्स खाना भले ही आपको नुकसानदेह न लगता हो, लेकिन लंबे समय में यही आपकी सेहत के दुश्मन बन जाते हैं। ये न सिर्फ आपका वज़न घटाना मुश्किल करेंगे, बल्कि पेट की चर्बी को और बढ़ाएंगे। इसलिए अगर आप वज़न घटाना चाह रहे हैं, तो अपनी डाइट से इन 5 दुश्मनों को ज़रूर दूर कर लें।



आलू के चिप्स

आलू के चिप्स सभी को पसंद होते हैं। इनकी न सिर्फ लत लग जाती है, बल्कि सिर्फ एक खाकर रुक जाना नामुमकिन है। इसके अलावा आलू के चिप्स नमक से भरपूर होते हैं, जिसकी वजह से शरीर में पानी जमा होने लगता है। इसलिए अगर आप पिछले कुछ समय से आलू के चिप्स काफी खा रहे हैं, तो आपके पेट के आसपास चर्बी जमा होने की वजह यही है।


चीनी वाले सीरीयल

कॉर्नफ्लेक्स जैसा नाश्ता भले ही आसान ऑप्शन होता है, लेकिन ये सबसे हेल्दी नहीं है। आमतौर पर ज़्यादातर कॉर्नफ्लेक्स चीनी से भरपूर होते हैं, जो किसी चॉकलेट खाने के सामान ही है। हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, जो लोग नाश्ते में ओटमील खाते हैं, उनका पेट ज़्यादा समय तक भरा रहता है, जबकि जो लोग कॉर्नफ्लेक्स खाते हैं, उन्हें तुरंत भूख लग जाती है। 




ग्रनोला बार

ग्रनोला बार भले ही सेहतमंद ऑप्शन नज़र आती हो, लेकिन ये भी चॉकलेट और चीनी से भरी होती है।




फ्रूट जूस

ऐसा ही कुछ मार्केट में मिलने वाले पैक्ड फलों के जूस के साथ भी है। ये जूस भी चीनी से भरपूर होता है, यहां तक कि बिना चीनी का शुद्ध पैक्ड जूस भी चीनी से से भरा होता है। फ्रूट जूस भले ही पोषण से भरपूर होता है, लेकिन इसमें मौजूद चीनी पेट का फैट बढ़ाती है।  




शराब

ज़्यादा शराब शरीर में सूजन को बढ़ावा देती है, साथ ही लीवर और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। शोध में पता चला है कि शराब फैट को कम नहीं होने देती है और पेट में फैट जमा करती है।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...