सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Diwali Special Recipe 2020 : Make Comfit and Malpua at Home घर पर बनाएं कलाकंद और मालपुआ | हिंदी शायरी एच

 

घर पर बनाएं कलाकंद और मालपुआ

 घर पर बनाएं इतनी आसान तरीके से कलाकंद

 

Diwali Special Recipe 2020 : Make Fondant and Malpua at Home घर पर बनाएं कलाकंद और मालपुआ
मेहमानों के लिए बनाएं यह स्पेशल मिठाई.




कई बार आपको घर का बना हुआ डेजर्ट खाने का मन करता है ऐसे में आपको समझ नहीं आता कि क्या बनाएं तो आपको बताने जा रहे हैं कलाकंद बनाने की रेसिपी

समाग्री

पूर्ण क्रीम दूध – 1.5 लीटर
स्पष्ट मक्खन – 1.5 चम्मच
फिटकरी- कुचल- 1/4 चम्मच
पिस्ता कटा हुआ- 1 बड़ा चमचा
चीनी- 3 चम्मच



 



-एक मोटे तले वाले पैन में दूध उबालें. आंच को धीमा कर दें और लगभग 15 मिनट तक उबलने दें. समय-समय पर दूध को  हिलाते रहें ताकि वह पैन से न चिपके.

-दूध में फिटकरी मिला कर मिलाएं. दूध को तब तक हिलाते रहें जब तक वह दानेदार न हो जाए और दूध को तब तक पकाएं जब तक वह एक ठोस में न बदल जाए.



ये भी पढ़ें- Diwali Special : ड्राई फ्रूट के लड्डू ऐसे बनाएं




– गाढ़े दूध में चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाएं. एक और 5 मिनट तक लगातार हिलाते रहें. मक्खन के साथ एक ट्रे ले लो. ट्रे में गाढ़ा दूध का मिश्रण डालें और सतह को चिकना करें. ऊपर से कटा हुआ पिस्ता छिड़कें.

 

-ट्रे को एक तरफ रखें और 2 घंटे के लिए सूखी जगह पर कलाखंड को ठंडा करें और इसे ठीक से सेट होने दें. सेट होने के बाद 1 इंच के चौकोर टुकड़ों में काट लें.  मीठा खाने और खाने के लिए तैयार है.



Diwali Special: मालपुआ कम समय में कैसे बनाएं, जानें यहां
Diwali Special: मालपुआ



Diwali Special: मालपुआ कम समय में कैसे बनाएं, जानें यहां मेहमानों के स्वागत में बनाएं मालपुआ. कम समय में बनेगा टेस्टी.



मालपुआ एक पारंपरिक डिश है जो लगभग हर घर में बनाया जाता है. इसे हर जगह- अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है आइए जानते हैं मालपुआ बनाने का आसान तरीका.

समाग्री

1 कप मैदा छना हुआ,

1 कप दूध, 1 चम्मच सौंफ,

डेढ़ कप शक्कर,

1 चम्मच नीबू रस,

घी (तलने और मोयन के लिए),

डेकोरेशन के लिए मेवे की कतरन,

1 चम्मच इलायची पावडर



 



विधि

-पहले मैदे में दो बड़े चम्मच घी का मोयन डालें, तत्पश्चात दूध और सौंफ मिलाएं और घोल तैयार कर लें. एक मोटे पेंदे के बर्तन में शक्कर, नीबू रस और तीन कप पानी डालकर चाशनी तैयार कर लें.

-एक कड़ाही में घी गर्म करके एक बड़े चम्मच से घोल डालते जाएं और करारा फ्राई होने तक तले . फिर चाशनी में डुबोएं और एक अलग बर्तन में रखते जाएं.
 

-इस तरह सभी मालपुआ तैयार कर लें और ऊपर से मेवे की कतरन और इलायची बुरका कर अमावस्या पर शंकरजी को मालपूए का भोग लगाएं.

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...