2 line rah shayari |
Rah par famous sayaro ki shayari राह पर Famous sayaro ki शायरी
धूप काफ़ी दूर तक थी राह में
लम्हा लम्हा हो गया पैकर सियाह
- अम्बर शमीम
तुम ज़माने की राह से आए
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का
- बाक़ी सिद्दीक़ी
राह पर Famous shayaro ki शायरी
ज़िंदगी इक नई राह पर
बे-इरादा ही चलने लगी
- असर अकबराबादी
हज़ार राह चले फिर वो रहगुज़र आई
कि इक सफ़र में रहे और हर सफ़र से गए
- उबैदुल्लाह अलीम
आ ही जाता वो राह पर 'ग़ालिब'
कोई दिन और भी जिए होते
- मिर्ज़ा ग़ालिब
भटक के राह से हम सब को आज़मा आए
फ़रेब दे गए जितने भी रहनुमा आए
- कृष्ण मोहन
राह shayari इन हिन्द
कौन उस राह से गुज़रता है
दिल यूं ही इंतिज़ार करता है
- नासिर काज़मी
राह को आज़मा के देखो तो
इक क़दम फिर बढ़ा के देखो तो
- जगदीश प्रकाश
हम कब उस राह से गुज़रते हैं
अपनी आवारगी से डरते हैं
- शकील ग्वालियरी
किसी भी राह पे रुकना न फ़ैसला कर के
बिछड़ रहे हो मिरी जान हौसला कर के
- ख़ालिद मलिक साहिल
Raah Shayari in Hindi
राह इंसान को उसकी मंजिल तक पहुंचाते है
लेकिन गलत रास्ते मंजिल से बहुत ही दूर ले जाते हैं.
राह मिलेगी जरूर पहले भटक तो सही,
घर से निकलकर किसी मोड़ पर अटक तो सही.
राह में खतरे भी है लेकिन ठहरता कौन है,
मौत कल आती है आज आ जाये डरता कौन है,
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल मैं अकेला हूँ
मगर फैसला मैदान में होगा के मरता कौन है.
राह शायरी
राह तकते हुए जब थक गई मेरी आँखें,
फिर तुझे ढूँढने मेरी आँख के आँसू निकले.
जिन्दगी की राह में कौन किसका होता है,
परछाई भी साथ छोड़ देती है जब अँधेरा होता है.
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुजरे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते.
राह पर शायरी
इश्क़ की राह में फिर से चलना सिखा दिया,
इश्क़ ने हमें फिर से अपना बना दिया.
दिल में किसी के राह किये जा रहा हूँ,
कितना हसीन गुनाह किये जा रहा हूँ.
खुदा की रहमत में अर्जिया नहीं चलती,
दिलो के खेल में खुदगार्जिया नहीं चलती,
चल ही पड़े है तो ये जान लीजिये हजूर
इश्क़ की राह में मनमर्जिया नहीं चलती.
राह शायरी इन हिंदी
उस ने मेरी राह न देखी और
वो रिश्ता तोड़ लिया,
जिस रिश्ते की खातिर मुझ से
दुनिया ने मुँह मोड़ लिया.
परवाह नहीं चाहे जमाना कितना खिलाफ हो,
चलूँगा उसी राह पे जो सीधा और साफ हो.
Raah Shayari Hindi
तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते,
इसलिए तो तुम्हे हम नजर नहीं आते.
आँखों में पानी रखों, होठों पे चिंगारी रखो
जिन्दा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो
राह के पत्थर से बढ़ के कुछ नहीं है मंजिले
रास्ते आवाज देते हैं, सफ़र जारी रखो.
प्यार की राह में,
इश्क़ की चाह में,
एक दिन जरूर होंगे
अपने महबूब की बांह में.