Manzil E Shayari Collection 'मंजिलो पर शायरी शायरों की जुबानी Manzil Par Sher in Hindi हिंदी शायरी एच
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Manzil Par Sher in Hindi |
हम को मंज़िल ने भी गुमराह किया
रास्ते निकले कई मंज़िल से
- हफ़ीज़ होशियारपुरी
कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है
कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से
- क़सरी कानपुरी
बहुत उम्मीद थी मंज़िल पे जा कर चैन पाएँगे
मगर मंज़िल पे जब पहुँचे तो नज़्म-ए-कारवाँ बदला
- सलाम संदेलवी
मैं ने तुझ को मंज़िल जाना
तू मुझ को रस्ता समझा था
- ख़ालिद मोईन
कोई मंज़िल कभी नहीं आई
रास्ते में था रास्ते में हूँ
- बलवान सिंह आज़र
मेरी तक़दीर में मंज़िल नहीं है
ग़ुबार-ए-कारवाँ है और मैं हूँ
- अज्ञात
न मंज़िल है न मंज़िल का निशाँ है
हमारा कारवाँ फिर भी रवाँ है
- सुदर्शन कुमार वुग्गल
हज़ारों ग़म हैं इस मंज़िल में मंज़िल देखने वाले
कलेजा थाम ले अपना मिरा दिल देखने वालों
- एहसान दानिश
कोई मंज़िल न रास्ता है आज
लम्हा लम्हा भटक रहा है आज
- शबनम नक़वी
मेरी मंज़िल भी आसमान में है
और दम भी मिरी उड़ान में है
- साहिर शेवी