सैयद अहमद शाह ahmad faraz shayari in hindi जिन्हें उनके कलम नाम अहमद फ़राज़ से बेहतर जाना जाता है, उर्दू शेर, उर्दू शायरी, अहमद फ़राज़ के शेर, अहमद फ़राज़ की शायरी
तू भी अपने से ख़ुश-गुमाँ था बहुत
मैं भी अपने तईं था जो कुछ था
मैं भी अपने तईं था जो कुछ था
अहमद फ़राज़ बेहतरीन पंक्तियाँ
मोहब्बतों का भी मौसम है जब गुज़र जाए
सब अपने अपने घरों को तलाश करते हैं
मैं तुझे खो के भी ज़िंदा हूँ ये देखा तू ने
किस क़दर हौसला हारे हुए इंसान में है
हम भी शाइ'र थे कभी जान-ए-सुख़न याद नहीं
तुझ को भूले हैं तो दिल-दारी-ए-फ़न याद नहीं
हम तो ख़ुश थे कि चलो दिल का जुनूँ कुछ कम है
अब जो आराम बहुत है तो सुकूँ कुछ कम है
अहमद फ़राज़ शायरी 2 लाइन
बहुत सी ख़्वाहिशें सौ बारिशों में भीगी हैं
मैं किस तरह से कहूँ उम्र भर उसी का रहा
अपनी ही आवाज़ को बे-शक कान में रखना
लेकिन शहर की ख़ामोशी भी ध्यान में रखना
तरस रहा हूँ मगर तू नज़र न आ मुझ को
कि ख़ुद जुदा है तू मुझ से न कर जुदा मुझ को
अहमद फ़राज़ हिंदी शायरी
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
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