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आदत लगा मुझे 'तड़पाया' न कर हिंदी पोएट्री Aadat Laga Mujhe Tadpaya Na Kar Hindi Poetry Hindishayarih

 आदत लगा मुझे तड़पाया न कर 


Aadat Laga Mujhe Tadpaya Na Kar Hindi Poetry
आदत लगा मुझे तड़पाया न कर हिंदी पोएट्री


Monika Raj 

                               मुझे सताने की आदत नहीं है हिंदी पोएट्री 



 चाहती हूं मैं जिसको वो हो जाता है मुझसे दूर ,
 ए किस्मत मुझसे अब और खेल खेला न कर । 




माना हो गई हूं मैं अब चट्टानों - सी मजबूत पर , 
मेरे खुदा मुझे हर बार तू आजमाया न कर । 



हो ! माना हो जाती हैं मुझसे भी गलतियां , 
पर कत्ल - ए - दिल का इल्जाम मुझे दिया न कर ।


 बिना कुछ कहे ही समझ जाती हूं हर बात , 
हर बार अपनी भावनाएं तू जताया न कर ।



 है ये सच कि तू इश्क तू गुरूर है मेरा , 
पर हर बार इजहार की उम्मीद किया न कर ।



 धुल जाती है हर गर्द पानी की बौछार से ,
 ऐ बारिश कभी मेरे भी दर्द साथ बहा ले जाया कर ।


 हो जाए कोई खता तो होना बेशक खफा ,
 पर होकर नाराज यूं मुझसे दूर जाया न कर ।



 बहुत बेचैन - सी रहती हूं जब पास नहीं होते तुम 
अपनी आदत लगाकर मुझे यूं तड़पाया न कर ।

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