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Mohammad Alvi Selected Shayari Collection - Few Lines Of Mohammad Alvi (मोहम्मद अल्वी) : चुनिंदा शेर!-HindiShayarih

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रोज़ अच्छे नहीं लगते आँसू
ख़ास मौक़ों पे मज़ा देते हैं 


मैं ही था मंज़िलों पे पड़ा हाँफता
रास्तों में ठहरता हुआ मैं ही था 

लबों पर यूँही सी हँसी भेज दे
मुझे मेरी पहली ख़ुशी भेज दे


हाँ देख बर्फ़ गिरती हुई बाल बाल पर
तपते हुए ख़याल ठिठुरते हुए भी देख 

सड़क पे चलते फिरते दौड़ते लोगों से उकता कर
किसी छत पर मज़े में बैठे बंदर देख लेता हूँ 


नाम लिख लिख के तिरा काग़ज़ पर
रौशनाई भी गिरा दी जाए 

किताब खोलूँ तो हर्फ़ों में खलबली मच जाए
क़लम उठाऊँ तो काग़ज़ को फैलता देखूँ 


धूप में सब रंग गहरे हो गए
तितलियों के पर सुनहरे हो गए 

रात मिली तन्हाई मिली और जाम मिला
घर से निकले तो क्या क्या आराम मिला


ऑफ़िस में भी घर को खुला पाता हूँ मैं
टेबल पर सर रख कर सो जाता हूँ मैं 






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