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Hindi Shayari Muneer Shikohabadi Selected Shayari Collection Top 8 मुनीर शिकोहाबादी: चुनिंदा शेर - HindiShayariH

 

Hindi Shayari Muneer Shikohabadi Selected Shayari Collection Top 8 मुनीर शिकोहाबादी: चुनिंदा शेर
मुनीर शिकोहाबादी शायरी




जुदाई के सदमों को टाले हुए हैं
चले जाओ हम दिल सँभाले हुए हैं 


जोबन पर इन दिनों है बहार-ए-नशात-ए-बाग़
लेता है फूल भर के यहाँ झोलियाँ बसंत 


जाती है दूर बात निकल कर ज़बान से
फिरता नहीं वो तीर जो निकला कमान से



और मुझ सा जान देने का तमन्नाई नहीं
उस का शैदाई हूँ जिस का कोई शैदाई नहीं


जीना है सब को मौत है तस्वीर की तरह
नक़्शे जमे हुए हैं न होने के वास्ते 

क़स्में खा कर फिर से पीना
मुँह का निवाला ठहरी तौबा 




जब बढ़ गई उम्र घट गई ज़ीस्त
जो हद से ज़ियादा हो वो कम है 


जिस रोज़ मैं गिनता हूँ तिरे आने की घड़ियाँ
सूरज को बना देती है सोने की घड़ी बात 




Muneer shikohabadi sher
मुनीर शिकोहाबादी शेर 
muneer shikohabadi ke sher
मुनीर शिकोहाबादी के शेर
muneer shikohabadi ki shayari,
 

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