Hindi Shayari Peace Selected Shayari Collection 'जंग' के इस खेल में अम्न के नाम कुछ शेर | Two Line अम्न शायरी In Hindi | HindiShayariH
युद्ध पर शायरी 'जंग' के इस खेल में अम्न के नाम कुछ शेर | Two Line अम्न शायरी In Hindi
Two Line अम्न शायरी In Hindi
Un ka jo farz hai wo ahl-e-siyasat jaanen
Mera paigham mohabbat hai jahan tak pahunche
उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे
- जिगर मुरादाबादी
Saat sandukon mein bhar kar dafn kar do nafraten
Aaj insaan ko mohabbat ki zarurat hai bahut
सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत
- बशीर बद्र
Jung toh khud hi ek masala hai
Jung kya masalon ka hal degi
जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है
जंग क्या मसअलों का हल देगी
- साहिर लुधियानवी
Mujh mein thodi si jagah bhi nahi nafrat ke liye
main to har vakt mohabbat se bhara rehta hoon
मुझ में थोड़ी सी जगह भी नहीं नफ़रत के लिए
मैं तो हर वक़्त मोहब्बत से भरा रहता हूँ
- मिर्ज़ा अतहर ज़िया
Ye duniya nafraton ke akhri stage pe hai
Ilaj is ka mohabbat ke siva kuchh bhi nahin hai
ये दुनिया नफ़रतों के आख़री स्टेज पे है
इलाज इस का मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं है
- चरण सिंह बशर
Ajeeb dard ka rishta hai saari duniya mein
Kahin ho jalta makan apna ghar lage hai mujhe
अजीब दर्द का रिश्ता है सारी दुनिया में
कहीं हो जलता मकाँ अपना घर लगे है मुझे
- मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद
Ik shajar aisa mohabbat ka lagaya jaye
Jis ka hum-saye ke aangan mein bhi saya jaye
इक शजर ऐसा मोहब्बत का लगाया जाए
जिस का हम-साए के आँगन में भी साया जाए
- ज़फर ज़ैदी
Ek takhti amn ke paigham ki
Tang dije oonche minaron ke beech
एक तख़्ती अम्न के पैग़ाम की
टाँग दीजे ऊँचे मीनारों के बीच
- अज़ीज़ नबील
Jung ka shore bhi kuchh der to tham sakta hai
Fir se ik amn ki afwah uda di jaye
जंग का शोर भी कुछ देर तो थम सकता है
फिर से इक अम्न की अफ़्वाह उड़ा दी जाए
- शाहिद कमाल
Faza ye amn-o-amaan ki sada rakhen kayem
Suno ye farz tumhara bhi hai hamara bhi
फ़ज़ा ये अम्न-ओ-अमाँ की सदा रखें क़ाएम
सुनो ये फ़र्ज़ तुम्हारा भी है हमारा भी
- नुसरत मेहदी
mil ke sab amn-o-chain se rahie
lanten bhejiye fasaadon per
मिल के सब अम्न-ओ-चैन से रहिए
लानतें भेजिए फ़सादों पर
- हीरा लाल फ़लक देहलवी
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