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Saleem Kausar Ki Shayari Best 2 Line Saleem Kausar Ki क़ुर्बतें होते हुए भी फ़ासलों में क़ैद हैं Sher In Hindi | HindiShayariH

 Best 2 Line Saleem Kausar Ki क़ुर्बतें होते हुए भी फ़ासलों में क़ैद हैं Sher In Hindi




क़ुर्बतें होते हुए भी फ़ासलों में क़ैद हैं 
कितनी आज़ादी से हम अपनी हदों में क़ैद हैं 

कहानी लिखते हुए दास्ताँ सुनाते हुए 
वो सो गया है मुझे ख़्वाब से जगाते हुए 

सलीम कौसर के शेर
 
हम ने तो ख़ुद से इंतिक़ाम लिया 
तुम ने क्या सोच कर मोहब्बत की 

मुझे सँभालने में इतनी एहतियात न कर 
बिखर न जाऊँ कहीं मैं तिरी हिफ़ाज़त में 
 
तुम ने सच बोलने की जुरअत की 
ये भी तौहीन है अदालत की 

तमाम उम्र सितारे तलाश करता फिरा 
पलट के देखा तो महताब मेरे सामने था 


पुकारते हैं उन्हें साहिलों के सन्नाटे 
जो लोग डूब गए कश्तियाँ बनाते हुए 

सलीम कौसर की शायरी 

कुछ इस तरह से वो शामिल हुआ कहानी में 
कि इस के बाद जो किरदार था फ़साना हुआ 


जुदाई भी न होती ज़िंदगी भी सहल हो जाती 
जो हम इक दूसरे से मसअला तब्दील कर लेते 

अजनबी हैरान मत होना कि दर खुलता नहीं 
जो यहाँ आबाद हैं उन पर भी घर खुलता नहीं 


  

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