सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

'ओने प्लस 10 अल्ट्रा' OnePlus 10 Ultra के कैमरा मॉड्यूल में भी होगी स्क्रीन, डिजाइन पेटेंट ऑनलाइन लीक! Technology News in Hindi, HindiShayariH

अपकमिंग स्मार्टफोन ओने प्लस 10 अल्ट्रा 'OnePlus 10 Ultra' में कैमरा मॉड्यूल के अंदर सेकेंडरी स्क्रीन होने की बात भी कही गई है।






OnePlus 10 Ultra का डिजाइन ऑनलाइन लीक हो गया है। कथित तौर पर कंपनी ने एक प्रीमियम डिवाइस के लिए चीन की CNIPA पेटेंट अथॉरिटी के पास एक पेटेंट फाइल किया है। इस पेटेंट फाइलिंग में डिवाइस के कई बनाए गए चित्र भी शामिल हैं। बनाए गए फोटो में एक स्मार्टफोन दिखाया गया है जिसमें रियर में कैमरा बम्प दिखता है जो कि OnePlus 10 Pro के डिजाइन से मिलता है। इसके अलावा इसमें एक पेरिस्कोप कैमरा भी देखा जा सकता है। साथ ही एक अलर्ट स्लाइडर भी इसमें दिखाया गया है। यह कंपनी ने अपकमिंग फ्लैगशिप OnePlus 10 Ultra का पेटेंट हो सकता है, ऐसा कहा गया है। 

IT Home ने कंपनी द्वारा चीन की पेटेंट अथॉरिटी के पास फाइल किए गए एक पेटेंट को स्पॉट किया है। इसे OnePlus 10 Ultra का पेटेंट बताया गया है। फोन से संबंधित कई ड्राइंग इसके साथ शामिल हैं जिनमें फोन का डिजाइन भी दिखाई देता है। इससे पहले आई एक रिपोर्ट में भी यह कहा गया था कि OnePlus 10 Ultra में पेरिस्कोप लेंस देखने को मिल सकता है, जैसा कि इस पेटेंट डिजाइन में भी दिखाया गया है। 

OnePlus 10 Ultra को लेकर आई इस रिपोर्ट में ये संकेत भी मिलता है कि गोलाकार लेंसेज के नीचे एक आयताकार कटआउट दिया गया है, जिसे पेरिस्कोप लेंस बताया जा रहा है। इसके अलावा ड्राइंग में एक अलर्ट स्लाइडर भी दिखाया गया है, जो बताता है कि यह वनप्लस का एक प्रीमिय हैंडसेट है। साल की शुरुआत में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें फोन के अंदर पेरिस्कोप लेंस होने की बात कही गई थी। 

कंपनी के इस अपकमिंग स्मार्टफोन में कैमरा मॉड्यूल के अंदर सेकेंडरी स्क्रीन होने की बात भी कही गई है। मई में आई एक और रिपोर्ट में कहा गया था कि OnePlus 10 Ultra में Snapdragon 8 Gen 1+ SoC होगा और अपडेटेड फीचर्स के साथ कैमरा सेटअप होगा। 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...