Desi Hunar Top 10 Sher - Hunar Shayari: 'हुनर' पर कहे गए 10 चुनिंदा शेर Hunar shayari हिंदी शायरी एच
Hunar shayari | desi hunar shayari,
ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे
रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे
~ बशीर बद्र
उँगलियों के हुनर से ऐ 'अकमल'
शक्ल पाती है चाक पर मिट्टी
~ अकमल इमाम
जाऊँ कहाँ शुऊ'र-ए-हुनर किस के पास है
आँखें हैं सब के पास नज़र किस के पास है
~ असद जाफ़री
ग़लतियाँ अपनी न हों फिर भी मनाने का हुनर
इतना आसान नहीं ख़ुद को मिटाने का हुनर
~ चाँद अकबराबादी
हुनर-मंदी से जीने का हुनर अब तक नहीं आया
सफ़र करते रहे तर्ज़-ए-सफ़र अब तक नहीं आया
~ ख़ालिद महमूद
रोती आँखों को हँसाने का हुनर ले के चलो
घर से निकलो तो ये सामान-ए-सफ़र ले के चलो
~ अहमद वसी
संग पर फूल खिलाने का हुनर आता है
मुझ को एहसास जगाने का हुनर आता है
~ कलीम शादाब
ये हुनर भी बड़ा ज़रूरी है
कितना झुक कर किसे सलाम करो
~ हफ़ीज़ मेरठी
हर काम यूँ करो कि हुनर बोलने लगे
मेहनत दिखे सभी को असर बोलने लगे
~ दिनेश कुमार
नियत भाँपने का हुनर जानता है
मिरा यार पढ़ना नज़र जानता है
~ ज़की तारिक़ बाराबंकवी
रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे
~ बशीर बद्र
उँगलियों के हुनर से ऐ 'अकमल'
शक्ल पाती है चाक पर मिट्टी
~ अकमल इमाम
जाऊँ कहाँ शुऊ'र-ए-हुनर किस के पास है
आँखें हैं सब के पास नज़र किस के पास है
~ असद जाफ़री
ग़लतियाँ अपनी न हों फिर भी मनाने का हुनर
इतना आसान नहीं ख़ुद को मिटाने का हुनर
~ चाँद अकबराबादी
हुनर-मंदी से जीने का हुनर अब तक नहीं आया
सफ़र करते रहे तर्ज़-ए-सफ़र अब तक नहीं आया
~ ख़ालिद महमूद
रोती आँखों को हँसाने का हुनर ले के चलो
घर से निकलो तो ये सामान-ए-सफ़र ले के चलो
~ अहमद वसी
संग पर फूल खिलाने का हुनर आता है
मुझ को एहसास जगाने का हुनर आता है
~ कलीम शादाब
ये हुनर भी बड़ा ज़रूरी है
कितना झुक कर किसे सलाम करो
~ हफ़ीज़ मेरठी
हर काम यूँ करो कि हुनर बोलने लगे
मेहनत दिखे सभी को असर बोलने लगे
~ दिनेश कुमार
नियत भाँपने का हुनर जानता है
मिरा यार पढ़ना नज़र जानता है
~ ज़की तारिक़ बाराबंकवी
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