हर हर महादेव shivratri 2023 bhagwan shiv in ramcharitmanas mein mahadev 2023 Shivratri: रामचरितमानस में भगवान शिव, पढ़ें महादेव पर 5 चौपाई
संकर प्रिय मम द्रोही, सिव द्रोही मम दास।
ते नर करहिं कलप भरि, घोर नरक महुँ बास॥
अर्थ : भगवान श्री रामचंद्र जी कहते हैं कि जिनको शिव जी प्रिय हैं, किंतु जो मुझसे विरोध रखते हैं, या जो शिव जी से विरोध रखते हैं और मेरे दास बनना चाहते हैं, वे मनुष्य एक कल्प तक घोर नरक में पड़े रहते हैं। इसलिए श्री शंकर जी में और श्री राम जी में कोई ऊँच-नीच का भेद नहीं मानना चाहिए।
उमा कहउँ मैं अनुभव अपना।
सत हरि भजनु जगत सब सपना।।
अर्थ : भगवान शिव माँ पार्वती से कहते हैं - उमा मैं अपना अनुभव बता रहा हूं, केवल हरि का निरंतर स्मरण ही एक मात्र सत्य है बाकी इस जगत में सभी कुछ सिर्फ स्वप्न के समान है। भाव यह है कि जैसे अर्ध निद्रा की अवस्था में मनुष्य कोई स्वप्न देखता है तो, स्वप्न की स्थिति के अनुसार वह सुख या दुख की अनुभूति करता है। लेकिन जाग्रत अवस्था में आते ही वह सभी सुख और दुख की अनुभूति खत्म हो जाती है। ठीक ऐसे ही जब आप भगवान के नाम जाप के महत्व को समझ जाते हैं तो आप इस स्वप्न के संसार की वास्तविकता को समझ जाते हैं और आपका हृदय एक ऐसे आनंद की अनुभूति की और अग्रसर होता है जिसका कभी अंत नहीं हो सकता।
जानि राम सेवा सरस, समुझि करब अनुमान।
पुरुषा ते सेवक भए, हर ते भे हनुमान॥
अर्थ : श्री राम की सेवा में परम आनंद जानकर पितामह ब्रह्माजी सेवक जांबवान बन गए और शिव जी हनुमान हो गए। इस रहस्य को समझो और प्रेम की महिमा का अनुमान लगाओ।
नातो नाते राम कें, राम सनेहँ सनेहु।
तुलसी माँगत जोरि कर, जनम-जनम सिव देहु॥
अर्थ : तुलसीदास हाथ जोड़कर वरदान माँगता है कि हे शिवजी! मुझे जन्म-जन्मान्तरों में यही दीजिए कि मेरा श्री राम के नाते ही किसी से नाता हो और श्री राम से प्रेम के कारण ही प्रेम हो।
बर दायक प्रनतारति भंजन। कृपासिंधु सेवक मन रंजन।
इच्छित फल बिनु सिव अवराधें। लहिअ न कोटि जोग जप साधें।।
अर्थ : शिवजी वर देने वाले, शरणागतों के दुखों का नाश करने वाले, कृपा के समुद्र और सेवकों के मन को प्रसन्न करने वाले हैं। शिवजी की आराधना किए बिना करोड़ों योग और जप करने पर भी वांछित फल नहीं मिलता।